एक शाम क्रान्तिकारियों के नाम, काकौरी ट्रेन एक्शन में शामिल आजादी के मतवालों की याद में गुनगुनाए गीत
काकौरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आर्य समाज स्टेशन रोड पर कार्यक्रम सम्पन्न
काकौरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आर्य समाज स्टेशन रोड पर कार्यक्रम सम्पन्न


मुरादाबाद, 10 अगस्त (हि.स.)। आर्य समाज स्टेशन रोड मुरादाबाद पर रविवार शाम को काकाेरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पंडित वीरेंद्र आर्य ने मयंक आर्य की यज्ञमानी में वैदिक रीति से यज्ञ संपन्न कराया।

बदायूं के सहसवान से आमंत्रित वैदिक गीतकार, भजनोपदेशक उदयराज आर्य ने काकौरी ट्रेन एक्शन से पूर्व और बाद की परिस्थितियों और क्रांतिकारियों के त्याग बलिदान और अभाव की याद मे देशप्रेम भावना से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत किये। गीतों की प्रस्तुति ऐसी हुई जिसमे आज़ादी के मतवालों की वीरगाथा और करुणगाथा सुनायी तो वातावरण अश्रुपूर्ण हो गया।

इस अवसर पर आर्य विद्वान कपिल आर्य ने कहा कि क्रान्तिकारियों को अंग्रेजों के अत्याचारों से लडने के लिए धन अभाव सबसे बड़ी समस्या थी। देशवासियों को बिना किसी संकट में डाले अंग्रेजों के धन से उनके विरुद्ध आंदोलन करना चाहते थे इसलिए उन्होंने सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन को अपना लक्ष्य बनाया और क्रांतिकारी अपने लक्ष्य में सफल भी हुए लेकिन अपने ही योजनाकार जिन पर बड़ा भरोसा था उन्होंने लालच और भय के वशीभूत होकर सभी के नाम बताकर विश्वासघात किया। इस विश्वासघात पर रामप्रसाद बिस्मिल ने लिखा कि जिसे हम हार समझें थे गला अपना सजाने को, वहीं अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को इस तरह श्रृंखलाबद्ध गिरफ्तारी हो गयी ।

इस अवसर पर मेज़र डा राजीव ढल, ज्ञानेंद्र गांधी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। आयोजन में डा अभय श्रोत्रिय डा राममुनि रमेश सिंह आर्य एडवोकेट, डा आलोक कुमार, अरविन्द आर्यबंधु, निर्मल आर्य, राकेश कुमार, आर्य विजय कौशिक आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल