गुजरात के ‘तापी के तारे’ परियोजना के तहत आदिवासी बच्चों का पहला इसरो दौरा, वन मंत्री ने किया संवाद
सूरत, 10 अगस्त (हि.स.)। गुजरात के तापी जिले के 15 सरकारी स्कूलों के विज्ञान शाखा के 28 आदिवासी बच्चे 10 से 13 अगस्त के दौरान इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर के शैक्षणिक दौरे के लिए रविवार को सूरत हवाई अड्डे से रवाना हुए। वन एवं पर्
इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर के शैक्षणिक दौरे पर


इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर के शैक्षणिक दौरे पर


इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर के शैक्षणिक दौरे पर


इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर के शैक्षणिक दौरे पर


सूरत, 10 अगस्त (हि.स.)। गुजरात के तापी जिले के 15 सरकारी स्कूलों के विज्ञान शाखा के 28 आदिवासी बच्चे 10 से 13 अगस्त के दौरान इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर के शैक्षणिक दौरे के लिए रविवार को सूरत हवाई अड्डे से रवाना हुए।

वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल ने ‘तापी के तारे’ परियोजना के तहत पहली बार इसरो की यात्रा पर जा रहे 28 आदिवासी बच्चों से आज संवाद किया। सूरत हवाई अड्डे के सभागार में मंत्री ने बच्चों की पहली हवाई यात्रा से लेकर भविष्य के करियर लक्ष्यों तक विभिन्न विषयों पर बातचीत कर उन्हें प्रोत्साहित किया।

विद्यार्थियों को यादगार और मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए मंत्री ने राज्य में पहली बार विशेष रूप से आदिवासी बच्चों के लिए की गई इस अनोखी पहल के लिए तापी जिला प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने चेन्नई इसरो के शैक्षणिक दौरे पर जा रहे विद्यार्थियों को ‘लर्न विद फन’, आनंद के साथ कुछ नया सीखने की प्रेरणा दी। उन्होंने बच्चों को इसरो के शोध कार्य और अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में गहन जानकारी लेने तथा उत्सुकतापूर्वक वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से नए अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

वन मंत्री ने कहा कि यह दौरा बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और सोचने की क्षमता बढ़ाने में सहायक होगा। इसरो की यात्रा विज्ञान क्षेत्र में कुछ नया करने और उज्ज्वल करियर बनाने में उपयोगी सिद्ध होगी। इसरो यात्रा के अवसर का भरपूर लाभ उठाकर अधिकतम ज्ञान अर्जित करने के लिए उन्होंने बच्चों से कहा। इसके अलावा उन्होंने दूरदराज के आदिवासी गांवों से आने वाले विद्यार्थियों को देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेकर उत्कृष्ट उच्च शिक्षा प्राप्त करने और गांव, राज्य सहित देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया। तापी से यात्रा कर इसरो के साथ चेन्नई स्थित प्लैनेटोरियम और प्राणी उद्यान का भ्रमण करने जा रहे इन विद्यार्थियों को यादगार के रूप में एक स्मरण पुस्तक बनाने का भी अनुरोध किया।

उन्होंने बच्चों के साथ बेस्ट 28 में स्थान पाने के उनके और परिवार के अनुभव पर चर्चा की तथा बेस्ट 28 में बड़ी संख्या में बालिकाओं के चयन पर बधाई देते हुए और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। विशेष रूप से वन मंत्री ने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री को इसरो के यादगार दौरे के व्यक्तिगत अनुभवों को वर्णित करते हुए पत्र लिखने का सुझाव दिया।

उल्लेखनीय है कि आदिवासी विकास विभाग और तापी जिला प्रशासन द्वारा परियोजना ‘विज्ञान सेतु-तापी के तारे’ के अंतर्गत तापी जिले की 15 सरकारी स्कूलों के विज्ञान शाखा के 28 आदिवासी बच्चे 10 से 13 अगस्त के दौरान इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर का शैक्षणिक दौरा करेंगे।

इस अवसर पर तापी जिले के परियोजना प्रशासक जयंतसिंह राठौड़, तापी जिला विकास अधिकारी रामनिवास बुगलिया सहित प्रशासन के विभिन्न कर्मचारी और बच्चे उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ यजुवेंद्र दूबे

हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad