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—काशी की माटी में क्रांति और विद्रोह : डॉ राम सुधार सिंह
वाराणसी,10 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जगतगंज में रविवार को वाराणसी विकास समिति के तत्वावधान में सोच विचार पत्रिका का लोकार्पण हुआ। पत्रिका का यह अंक 1799 में काशी में ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ हुए विद्रोह के नायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू जगत सिंह को समर्पित है ।
इस पत्रिका में वरिष्ठ पत्रकार निरंकार सिंह एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम सुधार सिंह ने बाबू जगत सिंह पर लेख लिखा है। लोकार्पण के पूर्व अतिथियों का स्वागत बाबू जगत सिंह शोध समिति के संरक्षक प्रदीप नारायण सिंह ने किया। वाराणसी टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के संरक्षक अशोक आनंद ने शोध कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. राम सुधार सिंह ने कहा कि काशी की माटी में विद्रोह और क्रांति की परंपरा गहराई से रची-बसी है। प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय ने पूर्वजों के योगदान को अमूल्य बताया और कहा कि उनसे उऋण होना संभव नहीं। निरंकार सिंह ने कहा कि 1799 की क्रांति में कमांडर चेरी, कैप्टन कानवे, ग्राहम और रिचर्ड इवांस की हत्या विद्रोह की तीव्रता को दर्शाती है। लोकार्पण समारोह में डॉ. दया निधि मिश्रा ने इतिहास के पुनर्लेखन की महती आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में शोध समिति के वरिष्ठ सदस्य, इतिहासकार, शिक्षाविद और साहित्यकार भी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी