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नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली पुलिस ने सभी जिलों में प्रहरी योजना के तहत निजी सुरक्षा गार्डों, चौकीदारों और अन्य सुरक्षा कर्मियों के लिए विशेष ब्रीफिंग-कम-संवेदनशीलता कार्यक्रम आयोजित किए। उद्देश्य था सामुदायिक सुरक्षा को मजबूत करना, पुलिस-जन सहयोग को बढ़ावा देना और प्रहरियों को अपराध रोकथाम व आपात स्थितियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार करना। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इन कार्यक्रमों में प्रहरियों के महत्व को रेखांकित किया और उन्हें सुरक्षा उपकरण वितरित किए।
दक्षिण जिला में 300 प्रहरियों को सुरक्षा प्रशिक्षण
दक्षिण जिला पुलिस ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (सदर्न रेंज) एस.के. जैन और डीसीपी अंकित चौहान की मौजूदगी में 300 से अधिक प्रहरियों के साथ बैठक की। कार्यक्रम में संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, पुलिस और निजी सुरक्षा बलों के समन्वय को मजबूत करना, तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रहरियों को सम्मानित किया गया। स्वतंत्रता दिवस पर भीड़ प्रबंधन और चौकसी बढ़ाने पर जोर दिया गया।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने लोटस टेंपल ऑडिटोरियम में प्रहरियों के लिए इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया। मुख्य अतिथि पुलिस आयुक्त एस.बी.के. सिंह ने कहा कि प्रहरियों की सतर्कता और पुलिस के साथ उनका तालमेल, सुरक्षा का अदृश्य कवच है। सभी प्रहरियों को कैप, रिफ्लेक्टिव जैकेट, डंडा और सीटी वाली सुरक्षा किट दी गई। भीड़ प्रबंधन, तलाशी और संदिग्ध वस्तुओं की पहचान पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
द्वारका जिले में डीसीपी अंकित सिंह की अध्यक्षता में यशोभूमि, द्वारका में 362 प्रहरियों की ब्रीफिंग हुई। कार्यक्रम में मेट्रो स्टेशन, स्कूल, सरकारी इमारतों और बाजारों में तैनात प्रहरियों को अपराध रोकथाम, संदिग्ध व्यक्तियों और वस्तुओं की पहचान तथा पुलिस को तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए गए। उन्हें लाठी, टॉर्च, सीटी और वायरलेस सेट जैसे उपकरण मुहैया कराए गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी