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शिमला, 10 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र, जिला हमीरपुर के जलाड़ी में दूध शीतलन केंद्र और जिला ऊना के झलेड़ा में बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में दूध एवं प्रसंस्करण अधोसंरचना का आधुनिकीकरण करना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृषि व पशुपालन पर निर्भर है, इसलिए पशुपालन क्षेत्र का विकास सरकार की प्राथमिकता है। नए संयंत्रों से दूध खरीद बढ़ेगी, पशुपालकों को उचित दाम मिलेंगे और गुणवत्ता मानकों में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मिल्क फैडरेशन (मिल्कफैड) अपने कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता के लिए जल्द एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) प्रणाली शुरू करेगी। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किसान मोबाइल पर दूध खरीद की रियल टाइम अपडेट, भुगतान स्थिति, गुणवत्ता जांच परिणाम और खरीद मूल्य देख सकेंगे। सभी लेन-देन डिजिटल होने से त्रुटियां कम होंगी और भुगतान सीधे बैंक खाते में होगा।
उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के ढगवार में अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण कार्य जारी है, जहां दही, लस्सी, बटर, घी, पनीर, फ्लेवर्ड दूध, खोया और मोज़रेला चीज़ का उत्पादन होगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला देश का पहला राज्य है। सरकार गाय का दूध 51 रुपये और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर खरीद रही है। साथ ही, दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित केंद्रों तक दूध पहुंचाने पर दो रुपये प्रति लीटर परिवहन अनुदान भी दिया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा