धराली अपडेट: क्षतिग्रस्त निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को सीएम ने दी 7 दिन की टाइमलाइन
देहरादून, 10 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को 7 दिन की टाइमलाइन में तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अब त
बैठक में निर्देश देते मुख्यमंत्री धामी।


देहरादून, 10 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को 7 दिन की टाइमलाइन में तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अब तक आठ संबंधित विभागों ने प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी है।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह आकलन तैयार होते ही भारत सरकार को भेजने की निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने धराली सहित राज्य के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए रकार की ओर से दी जा रही तात्कालिक सहायता वितरण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि यह सहायता राशि तात्कालिक रूप से प्रभावितों को प्रदान की जा रही है, इस संबंध में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता ना फैलाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली के लोग हमारे अपने लोग हैं, उनका बेहतरीन विस्थापन किया जाएगा, इस संबंध में कोई कमी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने राहत-बचाव कार्यों में लगी सरकारी मशीनरी का उत्साहवर्धन करने की अपील की, उन्होंने इसमें जन सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में सभी को भ्रामक एवं नकारात्मक प्रचार से बचना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने रविवार को आपदा कन्ट्रोल रूम, आईटी पार्क, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। उन्होंने धराली-हर्षिल आपदाग्रस्त क्षेत्र में हर्षिल तक सड़क मार्ग को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए मंगलवार तक सुचारु करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित एजेंसियो ने जानकारी दी है कि आज शाम लिमचीगाड़ ब्रिज संचालित होते ही, हर्षिल तक की रोड कनेक्टिविटी 2 दिन के भीतर आरंभ कर दी जाएगी। सड़क के जल्द से जल्द निर्माण की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को धराली आपदा में 108 बेघर हुए परिवारों से निरंतर संपर्क एवं संवाद बनाते हुए तात्कालिक रूप से उनके रहने, भोजन दवाइयों व आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराने के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि धराली आपदा ग्रस्त क्षेत्र के चैनेलाइजेशन के लिए सोमवार की सुबह ही आईआईटी रुड़की, सीएसआरई एवं अन्य विशेषज्ञ एजेंसीयों के जियोलॉजिस्ट की एक टीम तत्काल रवाना की जाए।

आज की बैठक में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से ग्राम प्रधान सहित धराली के आपदा प्रभावितो से बात की। धराली ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के स्वयं तीन दिन तक धराली में उनके साथ बने रहने, उनका हौसला बनाए रखने, आपदा आकलन हेतु तत्काल त्रिस्तरीय समिति बनाने, मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तुरंत आरंभ करने एवं प्रशासन द्वारा प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया।

धराली व पौड़ी आपदा के राहत एवं बचाव कार्यों में निरंतर लगे सभी सरकारी अधिकारियों एवं कार्मिकों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के दौरान भी अपने घरों से दूर रहते हुए धराली एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर पूरे मनोयोग से कार्य करते हुए सभी अधिकारियों एवं कार्मिक, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, विभिन्न एजेंसियों एवं सेना के जवानों ने जो हिम्मत दिखाई है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से भी आपदा रावत बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की।

डीएम पौड़ी स्वाति भदौरिया ने बताया कि पौड़ी के 338 गांव आपदा प्रभावित है। आपदा प्रभावित सैंजी गांव के क्षतिग्रस्त घरों का आकलन कर दिया गया है। अभी तक प्रभावितों को 50.86 लाख रुपये का मुआवजा वितरण कर दिया गया है। जनपद में राहत कार्य मिशन मोड पर संचालित किया जा रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल