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- मध्य प्रदेश के विदिशा में झूकरजोगी गांव में भुजरियों का अनोखा पर्व
विदिशा, 10 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित झूकरजोगी गांव की एक बहुत ही अनोखी और दिलचस्प परंपरा है, जिसका कि निर्वाहन वर्षों से यहां देखने को मिल रहा है। रक्षाबंधन के अगले दिन मनाए जाने वाले भुजरिया पर्व को गांव में बंदूकों और हथियारों के साए में मनाया जाता है। जहाँ गाँव के लोग एक-दूसरे से बढ़कर बंदूक चलाने में अपनी निपुणता का प्रदर्शन करते हैं।
पर्व के दौरान, एक निशानेबाजी प्रतियोगिता होती है, जिसमें लगभग तीन दर्जन से अधिक बंदूकधारी 200 फीट की दूरी पर 200 फीट से अधिक ऊंचाई पर बंधे नारियल को निशाना बनाते हैं।
जब तक कोई बंदूकधारी नारियल को गोली मारकर फोड़ नहीं देता, तब तक महिलाएं भुजरियां लेकर नहीं निकल सकतीं। जो भी व्यक्ति इस नारियल को सफलतापूर्वक फोड़ता है, उसे ग्राम पंचायत द्वारा सम्मानित किया जाता है और एक निश्चित राशि भेंट की जाती है।
इस आयोजन की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुलिस बल भी तैनात किया जाता है। एक ओर जहाँ बंदूक की गूँज सुनाई देती है, वहीं दूसरी ओर महिलाएं भुजरियों के साथ नाच-गाकर सामूहिक लहंगी नृत्य करती हैं।
सदियों पुरानी परंपरा:
उल्लेखनीय है कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसमें किसी भी जाति या समाज का कोई बंधन नहीं है। यह परंपरा वास्तव में चंबल क्षेत्र की पुरानी बंदूकों की गूँज की याद दिलाती है, लेकिन यहाँ इसे एक पर्व और उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिखाता है कि भारत में हिन्दू धर्म की ही किस तरह से अलग-अलग जगहों पर एक ही पर्व को मनाने की परंपराएं इतनी विविध और खास हो सकती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश मीना