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बाक्सा (असम), 10 अगस्त (हि.स.)। बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) प्रमोद बोडो ने रविवार को बाक्सा जिले के खुशराबारी में बोडो भाषा आंदोलन के पहले शहीद अम्लाराम बोडो और शिवराम बोडो की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने दोनों शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बीटीसी चुनाव को लेकर कहा कि चुनाव आते-जाते रहते हैं, कोई हारता है, कोई जीतता है, लेकिन बोडो समाज को जिंदा रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सिस्टम विकसित करने में समय लगता है। भारत में कई लोग पैसे खाकर जेल गए हैं, लेकिन प्रशासन सुधार के लिए पिछले पांच वर्षों में हमने काफी काम किया है।
बीपीएफ और यूपीपीएल के रिश्तों पर प्रमोद बोडो ने कहा कि यह दो लोगों द्वारा आपसी लाभ के लिए रिश्ता नहीं है, बल्कि हमें भविष्य के बारे में सोचना होगा। राजनीति समाज को बांटती है, लेकिन राष्ट्रीय संगठन समाज को जोड़ते हैं।
हग्रामा महिलारी के इस बयान पर कि “प्रमोद बोडो का भाग्य अच्छा रहा तो दो-एक सीट मिल जाएगी,” प्रतिक्रिया देते हुए प्रमोद बोडो ने कहा कि हग्रामा महिलारी उन्हें सर्टिफिकेट देने वाले कौन होते हैं। उन्होंने कहा कि बीटीआर के 35 लाख लोगों को उन्होंने प्यार और स्नेह दिया है और अगर बदले में प्यार नहीं मिला तो यह जनता का फैसला होगा।
इस अवसर पर शालबारी परिषदीय क्षेत्र के पार्षद जय मुसाहारी, बोडो साहित्य सभा और एबीएसयू के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश