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औरैया, 10 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में 10 अगस्त से 28 अगस्त तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की 188 टीमें और 32 परिवेक्षक घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने दवा खिलाएंगे। इसका शुभारंभ सीएचसी अजीतमल में ब्लॉक प्रमुख रजनीश पांडे ने रविवार काे फीता काटकर किया है।
अधीक्षक डॉ. अशोक राय ने कहा कि फाइलेरिया एक असाध्य रोग है, जो आगे चलकर विकलांगता का कारण बन जाता है। इस रोग का वाहक मादा क्यूलेक्स मच्छर है, जो संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद उसके परजीवी अन्य व्यक्ति में पहुंचा देता है। यह मच्छर अधिकतर रात के समय काटता है। दवा का सेवन गर्भवती महिलाएं, दो वर्ष से छोटे बच्चे और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति छोड़कर सभी को करना अनिवार्य है। यह दवा साल में केवल एक बार दी जाती है और पूरी तरह नि:शुल्क है।
फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है। इसके प्रमुख लक्षणों में हाथ-पैर में सूजन, महिलाओं के स्तन में गांठ, शरीर में मांस की छोटी-छोटी गांठें और हाइड्रोसील शामिल हैं। डॉ. राय के अनुसार, हाइड्रोसील का इलाज संभव है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाले फाइलेरिया का उपचार नहीं है। इसका बचाव ही सबसे कारगर उपाय है, और समय पर दवा का सेवन करने से संक्रमण से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि अभियान में सहयोग करते हुए दवा का सेवन करें और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें, ताकि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार