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घटना के बाद कार चालक व साथी फरार, हिसार के व्यापारी
की मिली कार
हिसार, 10 अगस्त (हि.स.)। शहर के डाबड़ा चौक पुल
पर एक कार ने दो गायों को कुचल दिया। हादसे के समय गायें पुलिस के किनारे पर बैठी थी।
घटना के बाद दिल्ली नंबर की इलेक्ट्रिक कार का चालक अपने दो-तीन अन्य साथियों सहित कार को छोड़कर फरार हो गया। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह कार हिसार
के सेक्टर 14 निवासी व्यापारी सोमनाथ की है।
पुलिस ने वाहन को अपने कब्जे में ले लिया
है और कार के दस्तावेजों के आधार पर मालिक की पहचान की है। घटना की सूचना मिलते ही
गोरक्षक दल के सदस्य मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह दुर्घटना जानबूझकर
की गई प्रतीत होती है, क्योंकि एक गाय को टक्कर मारने के बाद दूसरी गाय पर भी वाहन
चढ़ाया गया। गोरक्षकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
गोरक्षक मोहित शर्मा ने बताया कि दिल्ली नंबर
की एक कार ने पुलिस पर बैठी गायों को टक्कर मारी है। एक गाय की यहां बैठी थी दूसरी
गाय को घसीटता हुआ 100 मीटर दूर तक ले गया। हमने डायल 112 को सूचना दे दी थी। इसके
बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है। मोहित ने बताया कि कार चालक और अंदर बैठे
लोग शराब के नशे में थे। कार इतनी तेज थी कि गाड़ी के दोनों साइड के एयरबैग खुले हुए
हैं।
प्रत्यक्षदर्शी पंकज बिश्नोई ने बताया कि वह यहां
से सुबह गुजर रहा था तो देखा कि यहां दो गाय मरी हुई पड़ी है। दो गाय एकदम क्यों मरेगी।
पंकज ने बताया कि देसी गाय एकदम आगे नहीं आती, यह बता देती है समझदार होती है। यह जानबूझकर
टक्कर मारी गई है। इन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। पंकज ने बताया कि हम गाय का पोस्टमॉर्टम
करवाएंगे और कानूनी कार्रवाई पुलिस से करने को कहेंगे। हम इसमें ठोक कर गवाही देंगे।
हमने लिखित में नाम दे दिया है। हम गवाही भी देने को तैयार हैं।
कार मालिक का पता लगाकर करवाएंगे कार्रवाई
पकंज बिश्नोई ने बताया कि पुलिसवालों ने गाड़ी
का नंबर ले लिया है और गाड़ी मालिक से संपर्क करने का प्रयास पुलिस कर रही है। हमारी
मां अमृता देवी ने पेड़ों के लिए अपनी जान दे दी थी ये तो हमारी गो माता है। हम पीछे
नहीं हटेंगे। नगर निगम का पशु पकड़ो अभियान पूरी तरह से फेल हो चुका है। अगर पशु पकड़े
जाते तो इस तरह पुल पर चढ़कर नहीं बैठते।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर