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जालौन, 01 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद जालाैन होकर गुजरने वाली यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि यमुना नदी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ की चपेट में आकर 24 गांव प्रभावित है। प्रशासन लगातार रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने का काम कर रहा है।
कालपी तहसील की यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार की दोपहर 111.80 मीटर दर्ज किया गया हैं, जो खतरे के निशान (108 मीटर) से तीन मीटर 80 सेमी अधिक है। बाढ़ का चेतावनी स्तर 107 मीटर निर्धारित है। प्रशासन के अनुसार, अभी जलस्तर और बढ़ने की सम्भावना है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
जिले के राहत विभाग की ओर से दी जानकारी के मुताबिक, बाढ़ से तहसील कालपी के आठ गांवाें में पड़री, रायड़ दिवारा, गूढ़ा खास, उरकराकला, सिमरा शेखपुर, मंगरौल, एकौना, गुलौली और माधोगढ़ तहसील के 11 गांव में निनावली जागीर, कुसेपुरा, किशनपुरा, डिकौली जागीर, चंदनपुरा, भुरे का पूरा, पटराही, मुला का पूरा, मुहब्बतपुर, भिटौरा, कंचौसा बाढ़ से प्रभावित है। वहीं, जालौन तहसील के संकरपुर, भदेख, टिकरी, लोहाई दिवारा, करमुख के छह गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हाे गए हैं। कुल 18,650 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 28 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं। राहत कार्यों के लिए 62 छोटी नावें, 27 बड़ी नावें तथा 31 मोटरबोट तैनात की गई हैं। राहत शिविरों में खाद्य सामग्री, पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं तथा पशुओं के लिए चारा एवं टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। अब तक 495 राहत किट वितरित की जा चुकी है। बाढ़ से कालपी तहसील के 14, माधोगढ़ के 19 तथा जालौन तहसील के 13 गाँवों की कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं, जबकि तहसील स्तर के अधिकारी, पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन तथा पंचायत विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। अभी तक किसी जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है। फिलहाल, यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ने की सम्भावना है, इसलिए जिला प्रशासन ने पूरी टीम को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा