अनूपपुर: बच्चों की पढ़ाई न हो प्रभावित एक वर्ष से शिक्षिका के घर में संचालित विद्यालय
शिक्षिका के घर में संचालित विद्यालय


अनूपपुर, 1 अगस्त (हि.स.)। इन दिनों प्रदेश भर में जर्जर स्कूलों में पढ़ रहे नौनिहालों की खबरे लगातार मिल रहीं हैं। जहां स्कूल शिक्षा विभाग जहां जर्जर भवनों को लेकर बेपरवाह बना हुआ है, वहीं मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में एक अच्छीग तस्वीर देखने को मिली शिक्षिका लीलावती शिक्षकों के लिए आर्दश प्रस्तुत किया हैं। एक वर्ष से जर्जर प्राथमिक विद्यालय बरटोला के भवन में 2024 में छत और दीवार से प्लास्टर गिरा तो शिक्षिका ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन कुछ न होता देख बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए घर के एक कमरे को स्कूल में संचालित कर दिया। वह अगस्त 2024 5वीं के 21 बच्चों को पढ़ा रही हैं। हद यह है कि एक वर्ष से विभाग ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की।

जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर स्थित प्राथमिक विद्यालय बरटोला जहां कक्षा 1 से 5 तक में कुल 21 छात्र छात्राओं का नाम दर्ज हैं जिसका भवन वर्ष 2024 में जर्जर होने के कारण तथा दीवार एवं प्लास्टर गिरने पर विद्यालय शिक्षक ने इसकी सूचना वरिष्ठ कार्यालय को दी। इसके साथ ही बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए समीप ही स्थित अपने घर पर विद्यालय का संचालन अगस्त 2024 से वर्तमान समय तक किया जा रहा है।

विद्यालय की शिक्षिका लीलावती के घर पर एक कमरे में विद्यालय का संचालन अव्यवस्था के बीच जारी है, जहां पर ना तो पर्याप्त बैठने की व्यवस्था है और ना ही शौचालय का कोई इंतजाम यहां पर है। विद्यालय का संचालन किया जाने के कारण शिक्षिका को भी कभी-कभी रिश्तेदारों के आने पर उन्हें बिठाने और उनके रहने के इंतजाम में परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षिका ने बताया कि कई बार इसकी सूचना वरिष्ठ कार्यालय को दी गई है इसके साथ ही यह जानकारी उनके संज्ञान में भी है लेकिन आज तक ना तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था विद्यालय संचालन के लिए हो पाई और ना ही जर्जर भवन की मरम्मत की व्यवस्था की गई।

विद्यालय भवन में एमडीएम का संचालन

अध्यनरत छात्र छात्राओ को शिक्षिका अपने घर में विद्यालय का संचालन कर रही है तो वहीं मध्यान भोजन का विद्यालय के जर्जर भवन में ही किया जा रहा है। मध्यान भोजन लकड़ी के चूल्हे पर बनाया जा रहा है। इससे रसोइयों पर भी असुरक्षा बना रहता है क्योंकि बारिश के मौसम में विद्यालय का यह जर्जर भवन की दीवार और प्लास्टर उखड़ कर आए दिन गिरते रहता है।

निजी कार्यों से बाहर जाने पर बंद हो जाता है विद्यालय

शिक्षिका लीलावती जब कभी अवकाश पर रहते हुए अपने निजी कार्यों से रिश्तेदारी एवं अन्य कार्यों में परिवार सहित जाती हैं ऐसी स्थिति में विद्यालय का संचालन उनके ना रहने तक बंद हो जाता है। घर पर ताला लगाकर जाने के कारण अन्य कोई विकल्प भी विद्यालय के संचालन के लिए नहीं रह जाता है। इस परेशानी में छुट्टियों में जाने पर भी उन्हें मानसिक तनाव बना रहता है।

बेपरवाह वरिष्ठ अधिकारी

जर्जर भवन की मरम्मत को लेकर के शिक्षिका लीलावती ने कई बार विकासखंड एवं जिले के सर्व शिक्षा अभियान विभाग के अधिकारियों को जानकारी देते हुए अपने घर में विद्यालय लगाए जाने से उन्हें हो रही असुविधा के बारे में बताया गया, लेकिन इस पर अधिकारियों ने भी आज तक कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई।

संतोष मिश्रा,प्रभारी समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर ने बताया कि प्रस्ताव भेजा गया है डीएफएम मद से बनाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला