Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मंदसौर, 1 अगस्त (हि.स.)। जब भी किसी भी मंदिर, उपाश्रय, स्थानक या धार्मिक स्थान पर जाओ तो हमारी वेशभूषा शालिन होनी चाहिये अर्थात हमारे वस्त्र मर्यादा के अनुरूप होने चाहिये, लेकिन आजकल की युवा पीढ़ी विशेषकर युवतियां ऐसे वस्त्र पहनकर मंदिर या धार्मिक स्थान पर जाती है जो की मर्यादा अनुरूप नहीं है। माता पिता को चाहिये कि वह अपनी संतान को समझाइश दे कि किस स्थान पर क्या पहनकर जाना है।
यह बात परम पूज्य जैन साध्वी श्री शीलरेखाजी म.सा. आदि ठाणा 9 ने नईआबादी स्थित आराधना भवन में आयोजित धर्मसभा में कही। शुक्रवार को यहां प्रवचन में कहा कि हमारी वेशभूषा कैसी हो यह हम सभी को सोचना हैं विवाहित स्त्री जब भी मंदिर जाये तो साड़ी पहने तो उत्तम होगा, लेकिन उसके सिर ढका हुआ होना चाहिये। अविवाहित युवतियां सलवार सूट पहनकर मंदिर जाये तो उत्तम है, लेकिन उसे दुपट्टा पहनना चाहिये लेकिन आजकल जिंस, टीशर्ट व अन्य पाश्चात्य वेशभूषा पहनने की होड़ सी लगी है। घर पर क्या पहनते हो यह हमारी चर्चा का विषय नहीं होना चाहिये लेकिन मंदिर या धर्म स्थान पर मर्यादित वेशभूषा पहनकर ही प्रवेश करना चाहिये ताकि मंदिर की मर्यादा बनी रहे।
शत्रुंजय तप में ब्यासने का लाभ लिया रांका परिवार ने - 17 जुलाई से साध्वी श्री शीलरेखाजी म.सा. की पावन प्रेरणा से 48 दिवसीय शत्रुंजय तप की धर्मसाधना आराधना भवन श्रीसंध से जुड़े परिवारों के सदस्यों के द्वारा की जा रही है।
3 अगस्त को मंदसौर में पहली बार होगा शासन स्पर्श कार्यक्रम-
आराधना भवन श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप रांका ने बताया कि 3 अगस्त रविवार को सायं 7 बजे से देर रात्रि तक नयापुरा स्थित माहेश्वरी धर्मशाला में साध्वी श्री शीलरेखाश्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा से श्रीसंघ एवं नवरत्न परिवार के संयुक्त तत्वावधान में मंदसौर में पहली बार शासन स्पर्श कार्यक्रम होने जा रहा है। जिसमें चेन्नई से कार्यक्रम के लिये श्री सुरेश भाई शाह आ रहे है। मुम्बई के भाविक शाह भी इस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देंगे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया