खरगोन का निमाड़ फ्रेशः मिर्च से लेकर चने तक- एक एफपीसी की अद्भुत सफलता की कहानी
खरगोन का निमाड़ फ्रेश


खरगोन, 1 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश खरगोन जिले के सेगांव ब्लॉक में जन्मी निमाड़ फ्रेश कृषि विकास फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी) भारत सरकार की 10,000 एफपीओ गठन और संवर्धन योजना के तहत एक शानदार सफलता की कहानी लिख रही है। जनवरी 2023 में नाबार्ड के वित्तीय सहयोग और कृषि विकास व ग्रामीण प्रशिक्षण संस्था के मार्गदर्शन में पंजीकृत यह एफपीसी आज 750 शेयरधारक किसानों के साथ आत्मनिर्भरता और समृद्धि की नई परिभाषा गढ़ रहा है।

शुरुआती कदम और मिर्च की खुशबू

जनसम्पर्क अधिकारी जकिया रूही ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए निमाड़ फ्रेश एफपीसी ने अपनी यात्रा एक इनपुट शॉप के साथ शुरू की थी, जिसका उद्घाटन नाबार्ड के सीजीएम निरूपम महरोत्रा ने किया था। यह सिर्फ बीज और उर्वरक बेचने वाली दुकान नहीं थी, बल्कि किसानों के लिए एक भरोसेमंद केंद्र बन गई। अपने पहले ही वित्तीय वर्ष (2023-24) में एफपीसी ने 73 लाख रुपये का प्रभावशाली टर्नओवर दर्ज किया। इस दौरान उन्होंने निमाड़ की मिर्च को एक नई पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया। आईपीएम (एकीकृत कीट प्रबंधन) तकनीक का उपयोग कर, किसानों को अवशेष-मुक्त (रेसिड्यू-फ्री) मिर्च की पौध उपलब्ध कराई गई। इसका परिणाम यह हुआ कि किसानों को न केवल बेहतर फसल मिली, बल्कि निमाड़ फ्रेश एफपीसी ने उनसे यही मिर्च अच्छे दामों पर खरीदी, जिससे उनकी आय में सीधा इजाफा हुआ

काबुली चने में बड़ा कदम और रिकॉर्ड तोड़ टर्नओवर

जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि 2024-25 वित्तीय वर्ष निमाड़ फ्रेश के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। एफपीसी ने आउटपुट बिजनेस में कदम रखते हुए काबुली चना की ग्रेडिंग और क्लीनिंग यूनिट की शुरुआत की. इस दूरदर्शी पहल को जिले के कलेक्टर भव्या मित्तल और नाबार्ड के सीजीएम सी सरस्वती का भी प्रोत्साहन मिला। अब किसान अपनी सुविधा के अनुसार, अपनी काबुली चने की फसल सीधे एफपीसी के प्लांट पर अच्छे दामों में बेच सकते हैं, जिससे उन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिली है।

समय समय पर नाबार्ड भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं डीडीएम का मार्गदर्शन एफपीसी को मिलता रहा। जिससे बिज़नेस प्लानिंग एवं क्रेडिट लिंकेज बेहतर हुआ। नाबार्ड के नैबसंरक्षण गारंटी एवं एसबीआई बैंक से प्राप्त क्रेडिट लिंकेज ने उन्हें खरीद-बिक्री में मदद दी, और 2024-25 वित्तीय वर्ष में निमाड़ फ्रेश एफपीसी ने लगभग 12 करोड़ रुपये का चौंका देने वाला टर्नओवर हासिल किया है। यह उनकी तीव्र गति से प्रगति का प्रमाण है।

वैल्यू एडिशन और ब्रांडिंग की दिशा में निमाड़ फ्रेश एफपीसी सिर्फ उपज बेचने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वैल्यू एडिशन की ओर भी बढ़ रहा है। उन्होंने अपने किसानों द्वारा उपजाई जा रही मिर्च और धनिया जैसी फसलों के पैक्ड उत्पाद तैयार किए हैं। इसके लिए एफपीसी ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में पैकेजिंग और ब्रांडिंग के लिए आवेदन किया है, जो प्रक्रिया में है। अपने ब्रांड को बाजार में स्थापित करने के लिए भी एफपीसी लगातार प्रयास कर रहा है।

निमाड़ फ्रेश कृषि विकास फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी केवल एक व्यावसायिक इकाई नहीं है; यह खरगोन के किसानों के लिए आशा, सशक्तिकरण और सामूहिक सफलता का प्रतीक बन गई है। यह कहानी दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और दूरदृष्टि के साथ ग्रामीण भारत में कितनी बड़ी क्रांति लाई जा सकती है। एफ़पीओ की अधिक जानकारी के लिए www.nimadfresh.com एवं सीईओ हरिओम भूरे (8964087240) और निदेशक बालकृष्ण पाटीदार (70004 92122) से संपर्क किया जा सकता हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर