मुरादाबाद जिला कारागार से रिहा हुए संभल की शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली
मुरादाबाद जिला कारागार से रिहा होने के बाद संभल के लिए रवाना होते  संभल की शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली।


मुरादाबाद, 01 अगस्त (हि.स.)। संभल हिंसा के मामले में पिछले 4 महीने से मुरादाबाद जेल में बंद जफर अली आज मुरादाबाद जेल से रिहा कर दिए गए। अपर जिला जज आरती फौजदार की अदालत ने बीते दिन उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे में बढ़ाई गई धाराओं में भी जमानत मंजूर कर ली थी। कोर्ट आदेश के बाद आज सुबह मुरादाबाद जेल से जफर अली को रिहा कर दिया गया। जफर अली आज सुबह बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ मुरादाबाद जेल से रिहा होकर संभल के लिए रवाना हो गए थे।

बता दें कि, बीते साल 24 नवम्बर को संभल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जो बवाल हुआ था, वह एक सुनियोजित योजना के तहत हुआ था। इस हिंसा में विवादित जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट और संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क मास्टरमाइंड भूमिका में नजर आए थे। 23 नवम्बर को बेंगलुरु से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मस्जिद सदर जफर अली को जामा मस्जिद पर भीड़ इकट्ठा करने तथा सर्वे नहीं होने को कहा था। जफर अली ने ही 24 नवम्बर को व्हाट्सएप कॉल के जरिए भीड़ को इकट्ठा किया था और सर्वे रोकने के लिए लोगों को उकसाया था।

सदर जफर अली एडवोकेट को कोतवाली पुलिस ने 23 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनको पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया था। इसके बाद उनको गिरफ्तार करके चंदौसी स्थित कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया। जफर अली की गिरफ्तारी को लेकर एएसपी श्रीश्चंद्र ने बताया था कि बीती 24 नवम्बर को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई संभल में उनकी भूमिका थी। उन्होंने भड़काऊ बयान दिया था। हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद जफर अली की गिरफ्तारी की गई थी। तब से वे लगभग चार महीने से जेल में बंद हैं।

जफर अली के वकील ने उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में एप्लिकेशन दी थी, जहां से उन्हें फौरी तौर पर राहत भी मिल गई थी। वहीं पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 353(2) और 61(2) जोड़ दीं, जिससे उनकी रिहाई में मुश्किल आ गई थी । इसके बाद अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदित्य सिंह की अदालत में जमानत के लिए एप्लिकेशन दी थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। लेकिन कल अपर जिला जज आरती फौजदार की अदालत में दोबारा दाखिल की गई जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद जमानत मंजूर कर ली गई। इसके बाद आज सुबह उनको मुरादाबाद जेल से रिहा कर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल