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भोपाल, 1 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर थम गया है। आज से तीन दिन तक सिस्टम कमजोर रहेगा। हालांकि कई जिलों में बारिश होने की संभावना है। राज्य के 12 जिलों में पानी गिरने के आसार है। इन जिलों में 30-40 किमी घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं 4 से 6 अगस्त तक एक बार फिर बारिश का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होगा। प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में एवरेज 28 इंच बारिश हो चुकी है, जो ओवरऑल 59 प्रतिशत ज्यादा है। ग्वालियर समेत 10 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, जुलाई में 2 डिप्रेशन एक्टिव रहे। वहीं, मानसून ट्रफ, साइक्लोनिक सकुर्लेशन की एक्टिविटी भी रही। इस वजह से पूर्वी हिस्से के जबलपुर, सागर, रीवा-शहडोल के अलावा भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। दूसरी ओर, इंदौर-उज्जैन संभाग में कम बारिश दर्ज की गई। इंदौर और बुरहानपुर में सबसे कम बारिश हुई है। अगले एक सप्ताह में कहीं भी भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। दूसरे सप्ताह में ग्वालियर-चंबल, रीवा संभाग में ही तेज बारिश हो सकती है। जुलाई में एवरेज साढ़े 12 इंच के मुकाबले 21 इंच पानी गिर चुका है।
इस बार सावन की ऐसी झड़ी लगी कि प्रदेशभर के नदी-नाले उफान पर रहे। कई जिलों में बाढ़ आ गई तो डैम ओवरफ्लो और नदियां उफान पर रहीं। प्रदेश में बारिश होने के बाद कई डैम से पानी भी छलक उठा। बरगी, जौहिला, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर समेत अन्य डैम के गेट खुले तो कई में पानी की अच्छी आमद भी हो गई। कुल 54 बड़े डैम में पानी बढ़ा है। भोपाल की लाइफ लाइन बड़ा तालाब ढाई फीट ही खाली है। अगस्त में यदि तेज बारिश का दौर शुरू होता है तो सभी डैम लबालब भर सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत