कांग्रेस ने रचा 'भगवा आतंकवाद' का षड्यंत्र : देवेंद्र फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस


नागपुर, 01 अगस्त (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को नागपुर में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के तहत 'भगवा आतंकवाद' का षड्यंत्र रचा था। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रा.स्व.संघ) और अन्य हिंदू संगठनों को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई थी।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने आज नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में कहा कि मालेगांव में वर्ष 2008 में हुए बम विस्फोट के बाद कांग्रेस सरकार ने एक सोची-समझी साजिश के तहत ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा था। उस समय पूरी दुनिया में इस्लामी आतंकवाद पर चर्चा हो रही थी। इसी पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने एक विशेष वोट बैंक को ध्यान में रखकर हिंदू आतंकवाद का झूठा नैरेटिव तैयार किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए झूठी थ्योरी बनाई गई और कई लोगों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया। यह पूरा षड्यंत्र रा.स्व.संघ के पदाधिकारियों को निशाना बनाने के लिए रचा गया था। हालांकि, सरकार लाख कोशिशों के बावजूद कोई भी ठोस सबूत जुटाने में नाकाम रही।

मुख्यमंत्री ने कहा, “अब धीरे-धीरे सच्चाई सामने आ रही है। आने वाले समय में और भी गंभीर तथ्य उजागर होंगे। उस समय की कांग्रेस सरकार ने पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाकर कार्रवाई के लिए अलिखित निर्देश दिए थे, जबकि कई अधिकारियों ने इस दबाव का विरोध किया।”

उन्होंने कहा कि विभिन्न आतंकी घटनाओं की कड़ियां पाकिस्तान से जुड़ती थीं, जिससे दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद का नैरेटिव बना। लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि पूरे मुस्लिम समुदाय को आतंकी ठहराया गया। इसके विपरीत, कांग्रेस और यूपीए सरकार ने पूरे हिंदू समाज को बदनाम करने की साजिश रची थी।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर भी निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया, “जब उनके नेतृत्व वाली सरकार ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा, तब क्या उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज का भगवा ध्वज याद नहीं आया?”

राजनीतिक घटनाक्रम पर

राज्य की ताजा राजनीतिक हलचल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोकाटे प्रकरण के बाद जनता में असंतोष था। इस विषय पर उपमुख्यमंत्री अजित पंवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा कर कोकाटे के विभाग में बदलाव का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल मंत्रिमंडल में किसी अन्य बदलाव की संभावना नहीं है। “हम जनता की सेवा के लिए आए हैं। मंत्रिमंडल में अनुशासन जरूरी है। यदि कोई मंत्री ठीक आचरण नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,” ऐसा कड़ा संदेश भी मुख्यमंत्री ने दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / मनीष कुलकर्णी