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लखीमपुर खीरी, 1 अगस्त (हि.स.)। बारिश के साथ ही शारदा नदी ने और अधिक विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे विकास खण्ड बिजुआ के बझेड़ा में शारदा नदी की तेज धारा सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपये की परियोजना भी समाती जा रही है। विभाग ने कटान रोकने के लिए बोरी में मिट्टी भरकर और बांस के कैरेट लगाकर डाले थे, परंतु सारी व्यवस्थाएं असफल होती दिखाई दे रही हैं।
गांव निवासी नवीन कुमार के अनुसार, 2022-23 में कटान रोकने के लिए 4.95 करोड़ रुपये की योजना के तहत जियोट्यूब बैग लगाए गए थे, लेकिन यह योजना भी शारदा नदी के वेग को झेल नहीं पाई और मात्र दो वर्षों में ही कई हेक्टेयर भूमि नदी में समाती जा रही है।
गांव के मनोहर लाल, मनोज कुमार, अजीत सिंह, कमलेश और ज्ञान सिंह ने बताया कि 700 मीटर में जियोट्यूब बैग लगाए गए थे। इस बार की कटान में करीब 20 मीटर बंधा क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसमें जियोट्यूब बैग से बनी ठोकरें बह गई हैं। गांव के संतोष, राजेश और सतीश का कहना है कि शारदा नदी थमती नजर नहीं आ रही है। सिंचाई विभाग द्वारा नदी के किनारे पूरी की गई करोड़ों की योजना का कोई लाभ नहीं हो रहा है। नदी कटान करते हुए गांव की तरफ बढ़ती जा रही है।
विभाग के कर्मचारी 24 घंटे से अधिक समय से बोरी में मिट्टी भरकर डाल रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, मिट्टी की बोरियों के सेट कल से ही शारदा नदी की तीव्र धारा में बह गए हैं। बृहस्पतिवार की सुबह से बांस के कैरेट लगाए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता कुंदन लाल ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और कार्य निरंतर जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही क्षतिग्रस्त बंधा फिर से सकुशल तैयार कर लिया जाएगा।
क्षेत्रीय लेखपाल अमन कुमार सत्यार्थी व अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि सिंचाई विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। उनके अनुसार, स्थिति कल से आज बेहतर है और बंधे का शेष कार्य भी जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव