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पलामू, 9 जुलाई (हि.स.)। ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल का बुधवार को पलामू जिले में मिलाजुला असर रहा। झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की सभी शाखाओं में जहां ताले लटके रहे, वहीं मजदूर यूनियनों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। रेलकर्मी भी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। सड़क जाम होने से कुछ देर के लिए आवागमन पर असर पड़ा।
हड़ताल को लेकर ग्रामीण बैंक की सभी शाखाएं और नियंत्रण कार्यालय बंद रहे। बैंककर्मियों ने रीजनल शाखा में ग्रामीण बैंक का निजीकरण नहीं करने और आईपीओ नहीं लगाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। हड़ताल के कारण बैंक शाखाओं में ताले लटके नजर आए।
मौके पर बैंककर्मी कौशिक मलिक ने कहा कि औद्योगिक बंदी के कारण पलामू जिले में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की सभी शाखाएं बंद है। उन्होंने निजीकरण का विरोध किया और आईपीओ नहीं लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बैंक किसान और आम लोगों का बैंक है अगर निजीकरण होता है तो सिर्फ फायदे की सोच विकसित होगी। जनमानस का कोई कार्य नहीं होगा। ऐसे में सामाजिक सरोकार के कार्य प्रभावित होंगे।
इधर, ट्रेड यूनियन की हड़ताल के को लेकर मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि भी आंदोलन करते नजर आए। मेदिनीनगर के कचहरी चौक पर मांगो के समर्थन में प्रदर्शन किया। जाम में देवघर जाने के लिए निकले 450 जवान फंसकर रह गए। बाद में इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी ज्योति लाल रजवार के हस्तक्षेप से जवानों को निकाला गया।
मौके पर केंद्र सरकार की ओर से लाए गए 04 लेबर कोड को वापस लेने की मांग की गई। मजदूर नेताओं ने कहा कि आजादी के आंदोलन के समय से लेकर आज तक मजदूरों ने लड़कर, हड़ताल कर, कुर्बानी देकर जितने भी कानूनी अधिकार प्राप्त किए हैं। उन सभी कानूनों को केंद्र सरकार निरस्त कर रही है। नए लेबर कोड्स को बिना मजदूर यूनियन की सलाह लिए, बिना संसद में बहस के पास कर दिया गया है। बिल्कुल किसान विरोधी तीन कानूनों की तरह नए लेबर कोड्स कॉर्पाेरेट परस्त हैं। जहां हड़ताल करने के अधिकार, यूनियन बनाने के अधिकार, न्यूनतम आय के अधिकार को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार