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नई दिल्ली, 09 जुलाई (हि.स)। तेल और प्राकृतिक गैस खोज को गति देने के लिए कई नीतिगत सुधार व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू किए जा रहे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 17 जुलाई तक हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार सभी हितधारक, उद्योग जगत के नेतृत्व, विशेषज्ञ और नागरिक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियमों के मसौदे, संशोधित मॉडल राजस्व साझाकरण अनुबंध (एमआरएससी) और अद्यतन पेट्रोलियम पट्टा प्रारूप पर 17 जुलाई तक png-rules@dghindia.gov.in पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। यह परामर्श प्रक्रिया 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित ऊर्जा वार्ता 2025 में समाप्त होगी। मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियम, 2025 के मसौदे सहित ये सुधार हमारे अन्वेषण और उत्पादन संचालकों के लिए व्यापार सुगमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे।
मंत्रालय के मुताबिक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियम, 2025 के मसौदे का लक्ष्य कई बड़े सुधारों के साथ-साथ देश के अपस्ट्रीम तेल एवं गैस ढांचे का आधुनिकीकरण करना है। इसके अलावा बुनियादी ढांचे के दोहराव को कम करने और छोटे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए इस मसौदे में अनिवार्य किया गया है कि पट्टेदार पाइपलाइनों और अन्य सुविधाओं में कम उपयोग की गई क्षमता की घोषणा करें और सरकारी निगरानी के अधीन उचित शर्तों पर तीसरे पक्ष को पहुंच प्रदान करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर