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बलरामपुर, 9 जुलाई (हि.स.)। उप संचालक कृषि रामचन्द्र भगत ने आज बुधवार काे जानकारी दी है कि, जिले में अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है। जिसके कारण किसान फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य शासन द्वारा किसानों के लिए कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने के लिए कृषि उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। योजना का उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन में वृद्धि तथा किसानों की आय व उत्पादन में वृद्धि करना है साथ ही फसल की कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक, आर्थिक स्तर में भी सुधार करना है। योजना के द्वारा किसानों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश को प्रोत्साहन करना है।
कृषक उन्नति योजना का लाभ उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया होगा। योजना के अंतर्गत कृषकों को आदान सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी। खरीफ वर्ष 2025 में किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर, धान (कामन) पर 731 रुपये प्रति क्विंटल अधिकतम राशि 15351 प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर 711 रुपये प्रति क्विंटल अधिकतम राशि 14931 रुपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाई हो तथा सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी के रकबे की पुष्टी उपरांत मान्य रकबे पर 11000 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसल(कोदो, कुटकी, रागी) एवं कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टी उपरांत मान्य रकबे पर 10000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय