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जम्मू, 9 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रांतीय अध्यक्ष एडवोकेट रतन लाल गुप्ता ने सरकार से जम्मू-कश्मीर में एसआरओ-43 (अनुकंपा नियुक्ति) योजना के तहत लंबे समय से लंबित मामलों में तेजी लाने का पुरजोर आग्रह किया है। प्रांतीय अध्यक्ष जम्मू स्थित शेर-ए-कश्मीर भवन में युवा एनसी नेता रोहित केरनी की पाँचवीं पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद बोल रहे थे।
इस अत्यधिक देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ एनसी नेता ने कहा कि एसआरओ-43 का उद्देश्य उन सरकारी कर्मचारियों या नागरिकों के परिवारों को तत्काल राहत और सहायता प्रदान करना है जिन्होंने सेवा के दौरान या आतंकवाद से संबंधित कार्रवाइयों के कारण अपनी जान गंवाई है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो परिवार पहले से ही अपने प्रियजनों को खोने का सदमा झेल रहे हैं उन्हें सरकारी उदासीनता के कारण वर्षों तक इंतजार करना पड़ रहा है।
चिंताजनक आँकड़ों पर प्रकाश डालते हुए रतन लाल ने बताया कि एसआरओ-43 के तहत 928 मामले अभी भी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में इन लंबित फाइलों के समाधान के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है जिससे अनुकंपा नियुक्तियों का मूल उद्देश्य ही विफल हो जाता है।
नेकां के वरिष्ठ नेता ने सरकार से तत्काल संज्ञान लेने और सभी संबंधित उपायुक्तों और विभागाध्यक्षों को एसआरओ-43 के तहत लंबित मामलों के सत्यापन और निपटान में तेजी लाने के लिए सख्त निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि व्यवस्था को शोक संतप्त परिवारों को नियमों के अनुसार रोज़गार या आर्थिक राहत प्रदान करके समय पर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। देरी से न केवल आर्थिक तंगी होती है बल्कि प्रभावित परिवारों का भावनात्मक संकट भी गहराता है।
वहीं पूर्व मंत्री और जेकेएनसी के अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार सधोत्रा ने जमीनी स्तर पर पार्टी को मज़बूत करने के लिए रोहित केरनी की प्रतिबद्धता और जनकल्याण के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को याद किया। उन्होंने पार्टी के मिशन के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और समर्पण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को प्रमुख मुद्दों पर जोड़ने और उन्हें राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाने के उनके प्रयासों को याद किया।
सधोत्रा ने आगे कहा कि उनकी सेवाएँ और उत्साही कार्य विशेष रूप से युवाओं के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने उनके मिशन को आगे बढ़ाने और सार्वजनिक जीवन में उनके द्वारा अपनाए गए मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। सधोत्रा ने जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा देने की मांग भी दोहराई क्योंकि दोहरी सत्ता प्रणाली न तो जम्मू-कश्मीर के लिए और न ही देश के लिए फायदेमंद होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह