मप्र सरकार का बड़ा फैसला, 35 लाख किसानों का 84 करोड़ रुपये टैक्स, ब्याज और पेनल्टी माफ
- मंत्रि-परिषद ने दी बिजली कंपनियों में 49 हजार से अधिक पदों पर भर्ती को मंजूरी भोपाल, 09 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें किसानों के हित में बड़ा फैसला
मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक


मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक


मंत्रि-परिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री शुक्ल


- मंत्रि-परिषद ने दी बिजली कंपनियों में 49 हजार से अधिक पदों पर भर्ती को मंजूरी

भोपाल, 09 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया। मंत्री-परिषद ने राज्य के 35 लाख किसानों की 84.17 करोड़ रुपये सिंचाई जलकर ब्याज एवं पेनल्टी माफ कर दी है। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार से अधिक नए पदों को मंजूरी दी है। इस फैसले के बाद तीनों कंपनियों में नियमित पदों की संख्या 77,298 हो जाएगी। इससे कंपनियों के काम और पावर डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार आएगा, तो संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या घटेगी।

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ल ने बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय-अनुसार यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि (सिंचाई जलकर) की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते है तो ब्याज की राशि माफ कर दी जाएगी। इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रुपये की ब्याज राशि शासन द्वारा माफ कर दी जायेगी। 31 मार्च 2025 की स्थिति में कृषकों पर सिंचाई जलकर की अवशेष राशि 647 करोड़ 67 लाख रुपये बकाया है। जिसमे मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रुपये एवं ब्याज राशि 84 करोड़ 17 लाख रुपये है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 45 करोड़ 58 लाख रुपये, वर्ष 2023-34 में 36 करोड़ 98 लाख रुपये और वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपये का सिंचाई राजस्व मिला है।

ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति

उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है।

विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नवीन नियमित पदों की स्वीकृति

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक सरंचना में सृजित किये जाने वाले 49 हजार 263 नवीन पद सहित कुल 77 हजार 298 पदों के संगठनात्मक संरचना की सृजन की स्वीकृति दी गई। नियमित पदों के सृजन के फलस्वरूप पूर्व स्वीकृत पदों में से 17 हजार 620 अनुपयोगी पद समाप्त किए गए हैं व डाइंग कैडर में 5650 पदों पर कार्यरत कार्मिकों के सेवानिवृत्ति और त्यागपत्र आदि के बाद ये पद भी समाप्त किए जायेंगे। कंपनियों द्वारा सीधी भर्ती के लिए पदों की गणना करते समय इन पदों को संज्ञान में रखा जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा आधार पर कार्यरत कार्मिक, निर्धारित आयु सीमा के पूर्ण होने अथवा नियमित सीधी भर्ती के पद पर चयनित होने तक कार्य कर सकेंगे। कंपनियों द्वारा नियमित पदों पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना करते समय समकक्ष पद पर तत्समय कार्यरत संविदा कार्मिक की संख्या को घटाकर शेष रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की जा सकेगी। वितरण कंपनियों को संगठनात्मक संरचना के अनुरूप कार्मिकों की समय-समय पर भर्ती के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है।

66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद (मानसेवी), आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद (मानसेवी) तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 02 पद नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500 के सृजन की स्वीकृति दी गयी। वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक योजना पर राशि का व्यय भारत सरकार द्वारा प्राप्त स्वीकृति के अनुसार किया जायेगा। उल्लेखित अवधि में योजना पर 15 करोड़ 21 लाख रुपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें केन्द्रांश राशि 9 करोड़ 55 लाख रुपये एवं राज्यांश राशि 5 करोड़ 66 लाख रुपये है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर