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धर्मशाला, 09 जुलाई (हि.स.)। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच व संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के तहत बुधवार को सीटू व इंटक से जुड़ी यूनियनों तथा संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य घटक किसान सभा द्वारा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बड़ी संख्या में इन कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय तक रोष प्रदर्शन किया।
इस बारे में सीटू के जिला प्रधान ने बताया कि कुल 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनें और तकरीबन सभी स्वतंत्र फैडरेशन व एसोसिएशन इस प्रदर्शन में शामिल रहीं। इस रोष प्रदर्शन में टांडा मैडीकल कालेज वर्करज यूनियन के सफाई कर्मचारी, लान्ड्री कर्मचारी, मैस वर्करज, मारूति व्हीकल एंड कर्मचारी यूनियन, रेहडी फडी यूनियन धर्मशाला, लैंको ग्रुप बिजली प्रोजैक्ट से जुडी बनेर हाईड्रो कर्मचारी यूनियन, इक्कू हाईड्रो कर्मचारी यूनियन, भवन एंव सड़क निर्माण यूनियन, आंगनबाडी वर्करज एंव हैल्पर यूनियन व मिड डे मील वर्कर के अलावा मैडीकल रिप्रेजेन्टेटिव की यूनियन एच.पी. एम.आर.ए. इंटक से जुड़ी पीडब्लयूडी, जलशक्ति विभाग हिमाचल परिवहन कर्मचारी व बड़ी संख्या में निर्माण मजदूरों की भागीदारी रही।
उन्होंने मांग उठाई कि मोदी सरकार ने श्रम कानूनों को खत्म करके जो चार मजदूर विरोधी श्रम सहिंताए मजदूरों के तमाम विरोध के बावजूद बनाई हैं और जिन्हें देश के बड़े पूंजीपतियों के दवाब में लागू करने पर मोदी सरकार आमादा है, उन श्रम संहिताओं को सरकार तत्काल वापिस ले और निरस्त श्रम कानूनों को पुनः बहाल किया जाए। सरकारी कान्ट्रैक्ट, पार्ट टाईम, मल्टी परपेज, मल्टी टास्क, कैजुअल, फिक्स टर्म सभी तरह के आऊट सोर्स व ठेकेदारी प्रथा के अंतर्गत भती किए गए कर्मियों को नियमित करके स्थाई रोजगार दिया जाए तथा भविष्य में सरकार नियमित भर्तियां केजुअल, फिक्स टर्म सभी तरह के आऊटसोर्स व ठेकेदारी भर्ती किए गए कर्मियों को नियमित करके स्थाई रोजगार दिया जाए तथा भविष्य में सरकार राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये प्रति माह दिया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया