गुरु पूर्णिमा 10 को, ग्रह-नक्षत्रों के बनेंगे दुर्लभ योग
चतरा, 9 जुलाई (हि.स.)। स्नान-दान और गुरु पूजा का महापर्व गुरु पुर्णिमा गुरुवार को मनाया जाएगा। वहीं भगवान शिव का पवित्र माह सावन शुक्रवार से प्रारंभ होगा। आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला गुरु पूर्णिमा को लेकर यहां कई
आचार्य चेतन


चतरा, 9 जुलाई (हि.स.)। स्नान-दान और गुरु पूजा का महापर्व गुरु पुर्णिमा गुरुवार को मनाया जाएगा। वहीं भगवान शिव का पवित्र माह सावन शुक्रवार से प्रारंभ होगा।

आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला गुरु पूर्णिमा को लेकर यहां कई तैयारियां की गई हैं। गुरु पूर्णिमा पर इस बार विशेष दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। खास बात कि इस बार गुरु पूर्णिमा गुरुवार को पड़ रहा है। चतरा के आचार्य चेतन पांडेय ने बताया कि यह योग बहुत ही दुर्लभ माना गया है। इतना ही नहीं गुरु पूर्णिमा के दिन इस बार चंद्रमा गुरु की राशि धनु में दिन भर गोचर करेंगे। इसके साथ ही ग्रह-नक्षत्रों के कई दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं।

इतना ही नहीं गुरु पूर्णिमा के दिन इस बार बृहस्पति यानि गुरु का नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः 5:16 से दिन भर भोग करेगा। ऐसे में इस बार गुरु पूर्णिमा का महत्व और भी अधिक बढ़ रहा है। गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालु, शिष्य जन अपने जीवन में गुरु से प्राप्त शिक्षा-दीक्षा मंत्र, उपासना, कला और विज्ञान सहित अनेक विधाओं में पारंगत होकर अपने गुरु को साक्षात ब्रह्म मानकर उनकी पूजा और आराधना करते हैं। इसके बाद विधिवत सम्मान करते हैं। कई लोग इस दिन गुरु दीक्षा भी लेते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु दीक्षा लेने का सबसे उत्तम दिन माना गया है।

शास्त्रों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु-दीक्षा लेने से जीवन धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी