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रांची, 9 जुलाई (हि.स.)। हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचईसी) में देशव्यापी आयोजित औद्योगिक हड़ताल पूरी तरह सफल रही। एचईसी क्षेत्र में हटिया मजदूर यूनियन (एटक) के नेतृत्व में बुधवार को भारी बारिश के बावजूद जमकर प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाला गया। सरकार और प्रबंधन की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए। मौके पर मजदूर कर्मियों ने एक स्वर में चार लेबर कोड वापस लो, श्रमिक अधिकारों की रक्षा करो जैसे नारे लगाएं। हड़ताल के दौरान एचईसी के तीनों कारखानों एचएमबीपी, एफएफपी और एचएमटीपी का कामकाज आंशिक रूप से बाधित रहा।
सभी मजदूर कर्मी सुबह आठ बजे से पहले ही प्रबंधन ने हड़ताल को विफल करने का हरसंभव प्रयास किया। निदेशक (उत्पादन) और निदेशक (कार्मिक) स्वयं सीआईएसएफ जवानों के साथ कारखाना गेटों पर मजदूरों को अंदर जाने के लिए मनाते रहे। दोपहर 2 बजे तक अंदर प्रवेश करने पर उपस्थिति दर्ज कराने का प्रलोभन और दबाव भी डाला गया, लेकिन मजदूर टस से मस नहीं हुए।
उन्होंने बताया कि करीब 70 प्रतिशत स्थायी कर्मचारी और सभी सप्लाई मजदूरों ने हड़ताल में भाग लेकर उसे पूर्ण सफल बनाया।
मौके पर हटिया मजदूर यूनियन के अध्यक्ष और सप्लाई संघर्ष समिति के संयोजक भवन सिंह ने कहा कि आज का यह आंदोलन केवल मजदूरी या मांगों का मामला नहीं है, बल्कि यह देश के श्रम कानूनों की रक्षा और मजदूरों के जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है। 2010 में यूनियन द्वारा किए गए ऐतिहासिक समझौते की रक्षा करना हमारी जिम्मेवारी है। सप्लाई मजदूरों के लिए तय वेतन वृद्धि जो 3000 से 5000 रुपये तक है। उसे एचईसी को देना ही होगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन द्वारा की गई वेतन कटौती या अवकाश कटौती पूरी तरह से अवैध है।
जुलूस में मुख्य रूप से हटिया मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह, यूनियन पदाधिकारी रामकृष्ण महतो, रंजीत उरांव, मनीष मंडल, खुर्शीद आलम, शिव शंकर बैठा, आलोक टोप्पो, दिलीप कुमार, गिरीश चौहान, राजेंद्र महतो सहित दर्जनों यूनियन प्रतिनिधि समेत बड़ी संख्या में सप्लाई मजदूर मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar