मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू का बड़ा ऐलान: आपदा पीड़ितों को घर बनाने के लिए मिलेंगे 7 लाख रुपये
शिमला, 09 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में हालिया प्राकृतिक आपदा से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने बगस्याड़ राहत शिविर का निरीक
मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित इलाके में


शिमला, 09 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में हालिया प्राकृतिक आपदा से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने बगस्याड़ राहत शिविर का निरीक्षण करते हुए प्रभावित परिवारों के साथ भोजन किया और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने बगस्याड़ के अलावा थुनाग, थुनाडी, लांबाथाच, जरोल, पांडवशिला, कुथाह और जंजैहली क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों की पीड़ा को साण कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जिन लोगों के घर आपदा में पूरी तरह तबाह हो गए हैं, उनके पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार प्रत्येक परिवार को 7 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि “मैं भली-भांति जानता हूं कि हिमाचल में घर बनाना कितना कठिन होता है, इसलिए राज्य सरकार पूरी मजबूती से पीड़ितों के साथ खड़ी है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन लोगों की निजी भूमि आपदा में नष्ट हो गई है, उन्हें जहां संभव होगा, भूमि प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वन भूमि पर पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है और इसके लिए राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के भाजपा सांसदों से अपील की कि वे इस विषय पर केंद्र से अनुमति दिलवाने में सहयोग करें।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। लोक निर्माण विभाग की लगभग 50 जेसीबी मशीनें और भारी मशीनरी अवरुद्ध सड़कों को खोलने में लगी हुई हैं। जब तक सड़कें पूरी तरह बहाल नहीं हो जातीं, राहत सामग्री पहुंचाना चुनौती बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अब तक मंडी जिले में 2,657 राशन किट, 3,603 तिरपाल वितरित किए जा चुके हैं और 17 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 677 लोग ठहरे हुए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मंडी जिला के सर्वाधिक प्रभावित सराज क्षेत्र में आपदा के चलते अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 लोग लापता हैं। 1,184 घर, 710 गौशालाएं, 201 दुकानें प्रभावित हुई हैं, और 780 पशुओं की मौत हुई है। अब तक 290 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। प्रशासन ने थुनाग, करसोग और गोहर उपमंडलों में राहत कार्यों के लिए 177 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। बता दें कि मंडी जिला के विभिन्न इलाकों में 30 जून की रात 12 बादल फटने से भारी तबाही हुई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा