अररिया-गलगलिया ब्रॉड गेज लाइन की फाइनल कमीशनिंग के लिए सीआरएस निरीक्षण प्रक्रियाधीन
गुवाहाटी, 09 जुलाई (हि.स.)। बहुप्रतीक्षित 110.75 किलोमीटर लंबी अररिया-गलगलिया ब्रॉड गेज लाइन परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इसे चालू करने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा वैधानिक निरीक्षण बुधवार से शुरू कर दिया गया। इसका निरीक्षण
পৌআখালি ৰেলৱে ষ্টেচন


गुवाहाटी, 09 जुलाई (हि.स.)। बहुप्रतीक्षित 110.75 किलोमीटर लंबी अररिया-गलगलिया ब्रॉड गेज लाइन परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इसे चालू करने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा वैधानिक निरीक्षण बुधवार से शुरू कर दिया गया। इसका निरीक्षण और कमीशनिंग प्रक्रिया 11 जुलाई को समाप्त होगा।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बुधवार को बताया है कि यह निरीक्षण इस रेल परियोजना के पूरा होने में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है, जिसका उद्देश्य बिहार और आसपास के क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करना है। सीआरएस प्राधिकरण प्राप्त होते ही, यह मार्ग सुरक्षित और पूर्ण ट्रेन परिचालन के लिए तैयार हो जाएगा।

पूसीरे (निर्माण) के महाप्रबंधक अरुण कुमार चौधरी ने कुछ दिनों पूर्व एक विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया था, जिसमें बुनियादी ढांचे के कार्यों की समग्र प्रगति की समीक्षा की गई थी।

उल्लेखनीय है कि अररिया-अररिया कोर्ट-रहमतपुर (8.24 किमी) और पौआखाली-ठाकुरगंज (23.24 किमी) सेक्शन क्रमशः अप्रैल और नवंबर 2024 में चालू किए गए थे। रहमतपुर-पौआखाली (79.27 किमी) का अंतिम सेक्शन अब चालू होने की प्रतीक्षा में है, जिससे संपूर्ण कॉरिडोर पूरा हो जाएगा।

अररिया-गलगलिया परियोजना, एक प्रमुख बुनियादी संरचना पहल है। इस परियोजना में 64 बड़े पुल, 264 छोटे पुल और 15 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण शामिल है, जो इस परियोजना के इंजीनयरी पैमाने और जटिलता को रेखांकित करते है। ये घटक इस लाइन की परिचालनिक रीढ़ हैं, जो पूरे क्षेत्र में सुदृढ़ कनेक्टिविटी, संरक्षा और सेवा दक्षता सुनिश्चित करते हैं।

सीआरएस निरीक्षण अब प्रक्रियाधीन है तथा पूसीरे को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण रेलवे लाइन के पूरे हिस्से को परिचालन में लाया जाएगा, जिससे यात्रियों, माल ढुलाई और क्षेत्रीय विकास को काफी लाभ होगा।-------------

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय