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कोलकाता, 9 जुलाई (हि.स.) ।
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में वर्ष 2019 में मारे गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता प्रदीप मंडल की पत्नी पंपा मंडल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक प्रवीण सूद को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया है और तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
पंपा मंडल ने आरोप लगाया है कि उनके पति की हत्या स्थानीय अपराधियों कादर मोल्ला और अब निलंबित तृणमूल नेता शेख शाहजहां के इशारे पर की गई थी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस जघन्य हत्याकांड की जांच पहले स्थानीय पुलिस ने राजनीतिक दबाव में दबा दी थी, लेकिन हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंपी है।
पंपा मंडल ने अपने पत्र में दावा किया है कि इस मामले से जुड़े गवाहों और उनके परिवार को अब भी जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में कादर मोल्ला, साजेद शेख, आलम शेख और अज़गर जैसे आरोपितों ने एक गुप्त बैठक की, जिसमें उन्हें और अन्य गवाहों को जान से मारने की साजिश रची गई। पंपा ने बताया कि आलम शेख इस साजिश को अंजाम देने के लिए एक पेशेवर सुपारी किलर से भी संपर्क में है।
उन्होंने सीबीआई से आग्रह किया है कि वह इस गुप्त बैठक की जांच तत्काल शुरू करे और उनके पति की हत्या की जांच में तेजी लाए। साथ ही, सभी आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है ताकि किसी और की जान न जाए।
इस पत्र की जानकारी सामने आने के बाद भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने बुधवार को कहा कि यह न्याय की प्रक्रिया पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपित शेख शाहजहां पर लगे सभी आरोप पहले बंगाल सीआईडी ने हटा दिए थे, जो राज्य की मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ममता बनर्जी के अधीन काम करती है। उन्होंने सवाल उठाया, अगर गवाहों को अपनी जान का डर हो, तो क्या कभी न्याय संभव है? तृणमूल कांग्रेस के शासन में पश्चिम बंगाल लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों का कब्रगाह बन गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में संदेशखाली में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं – प्रदीप मंडल, देबदास मंडल और सुकांत मंडल – की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है और शेख शाहजहां फिलहाल केंद्रीय एजेंसियों की हिरासत में है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर