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आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज, फरवरी में रिश्वत लेते हुआ था ट्रेप
जोधपुर, 9 जुलाई (हि.स.)। सीबीआई ने बुधवार सुबह मंडोर क्षेत्र के नागौरी बेरा में बैंक ऑफ बड़ौदा के एक शाखा प्रबंधक के घर दबिश दी और अनेक दस्तावेज कब्जे में लिए। बैंक मैनेजर पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज है। इससे पहले गत 17 फरवरी को सीबीआई ने इसी बैंक मैनेजर को घूस लेते गिरफ्तार किया था। आरोपित ने उस वक्त बापिणी तहसील के रायमलवाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर रहते हुए ओसियां के थोब भाखरों की ढाणी निवासी ढलाराम मेघवाल से रिश्वत ली थी।
जानकारी के अनुसार मूलतया मंडोर नागौरी बेरा इलाके में जय तीजा एनक्लेव में रहने वाले बैंक मैनेजर विवेक कच्छवाहा को सीबीआई ने ट्रेप किया था। उसके बाद उसके बैंक खातों और लॉकर इत्यादि की भी तलाशी ली गई थी। उनमें लॉकर से ही तकरीबन 70 तोला सोने के आभूषण भी बरामद हुए थे। इसके बाद आरोपित के खिलाफ सीबीआई की छानबीन जारी रही और सोमवार को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य सामने आने पर एक नई एफआईआर दर्ज की गई। इसी क्रम में सीबीआई की टीम ने बुधवार को कच्छवाहा के नागौरी बेरा स्थित घर पर छापेमारी की। बताया गया है कि यहां तलाशी में सीबीआई को बैंक मैनेजर द्वारा दईजर इलाके में बड़ी जमीन खरीदने से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।
लोन स्वीकृत करने के बदले ली थी घूस
सीबीआई के अनुसार गत 15 फरवरी को किसान ढलाराम मेघवाल ने शिकायत दी थी। इसमें उसने बताया कि उसे खेतीबाड़ी के लिए चार लाख रुपये की जरूरत थी। इस पर करीब डेढ़ महीने पहले वह अपने भाई खुशालाराम के साथ केसीसी लोन के लिए रायमलवाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा गया था। वहां मैंनेजर विवेक कच्छवाहा ने दोनों से लोन संबंधी कागजात ले लिए। छह जनवरी 2025 को विशनाराम और उसका भाई खुशालाराम बैंक गए और मैनेजर से लोन के संबंध में बात की। इसके अगले दिन सात जनवरी को मैनेजर विवेक ने विशनाराम के मोबाइल पर फोन किया और घर विजिट करने के लिए आने की बात कही। इसके बाद मैनेजर विशनाराम के घर पहुंचा और खेत देखने के बाद 2500 रुपये विजिट शुल्क के ले लिए। साथ ही कहा कि केसीसी लोन (किसान क्रेडिट कार्ड) तो कर दूंगा, लेकिन पांच प्रतिशत कमीशन के 20 हजार रुपये लूंगा।
तब विशनाराम ने खुद की गरीबी का हवाला देते हुए काफी मिन्नतें की, लेकिन वो नहीं माने। इसके बाद 8 जनवरी को भी विशनाराम बैंक गया और 500 रुपये जमा करवाकर अकाउंट भी खुलवाया। शिकायत का सत्यापन करने के दौरान भी रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर ट्रेप प्लान किया गया। बैंक मैनेजर विवेक कच्छवाहा ने परिवादी से रिश्वत राशि के 15 हजार रुपये लिए, तो सीबीआई की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इसी दौरान विवेक की तबीयत बिगड़ गई, तो टीम उसे सरकारी हॉस्पिटल ले गई और उपचार करवाकर वापस बैंक ले आई।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश