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नैनीताल, 9 जुलाई (हि.स.)। कुमाऊं मंडल में भूमि धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु आयुक्त दीपक रावत की अध्यक्षता में आयोजित लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में गंभीर निर्णय लिये गये हैं। तय किया गया है कि भूमि क्रय करने से पूर्व हर संभावित क्रेता को संबंधित तहसील में आवेदन कर भूमि की तस्दीक यानी जांच करवाकर स्थिति स्पष्ट करवानी होगी ताकि उसकी वर्तमान स्थिति स्पष्ट हो सके।
बैठक में सामने आया कि अनेक प्रकरणों में एक ही भूमि को दोबारा बेचा जा रहा है या खसरा नम्बर भिन्न दर्शाकर दूसरे भूभाग पर कब्जा दिलाया जा रहा है। यहां तक कि कई विक्रेताओं द्वारा अपने हिस्से से अधिक भूमि का विक्रय किया जा रहा है, जिससे विवाद और ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं। समिति ने तय किया है कि भूमि क्रय करने से पूर्व हर संभावित क्रेता को संबंधित तहसील में आवेदन कर भूमि की तस्दीक करवानी होगी ताकि उसकी वर्तमान स्थिति स्पष्ट हो सके।
इस निर्णय के अनुपालन हेतु मंडलायुक्त ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है तथा आम जनता को भी इस प्रक्रिया की जानकारी देने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिये हैं, ताकि भूमि धोखाधड़ी के मामलों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी