बंगाल निवासी को एनआरसी नोटिस दावे पर बोली भाजपा- हार का भय तृणमूल को झूठे प्रचार के रास्ते पर ले जा रहा
- असम सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों में भी की गई है स्थिति स्पष्ट कोलकाता, 09 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि असम में विदेशी न्यायाधिकरण ने कूचबिहार के दिनहाटा में 50 साल
ममता बनर्जी


- असम सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों में भी की गई है स्थिति स्पष्ट

कोलकाता, 09 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि असम में विदेशी न्यायाधिकरण ने कूचबिहार के दिनहाटा में 50 साल से रह रहे राजबंशी उत्तम कुमार ब्रजबासी को एनआरसी नोटिस जारी किया है। ममता ने आरोप लगाया था कि वैध पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूद उन्हें विदेशी/अवैध प्रवासी होने के संदेह में परेशान किया जा रहा है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा था कि यह लोकतंत्र पर एक सुनियोजित हमले से कम नहीं है। यह इस बात का प्रमाण है कि असम में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है, जहां उसके पास न तो कोई शक्ति है और न ही कोई अधिकार क्षेत्र।

भाजपा के पश्चिम बंगाल के महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने बुधवार को इस पर कहा कि ममता बनर्जी द्वारा फैलाई जा रही कोच-राजबंशी समुदाय के उत्पीड़न की कल्पना पर आधारित झूठी कहानी तृणमूल कांग्रेस के भीतर बढ़ते डर को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “जब असम सरकार ने पहले ही स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है, तो मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह का आरोप लगाना पूरी तरह से निराधार है। हार का भय अब तृणमूल को झूठे प्रचार के रास्ते पर ले जा रहा है।”

असम सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों में भी कोच-राजबंशी समुदाय को लेकर स्पष्ट किया गया है कि निवास प्रमाणित करना आवश्यक नहीं होगा। असम के राज्यपाल के कार्यालय की ओर से चार फरवरी 2025 को जारी किए दस्तावेज में स्पष्ट कहा गया है कि कोच-राजबंशी, मोरन, मतक, चूलिया और अहोम समुदाय के लोगों के लिए तीन पीढ़ी का असम में निवास प्रमाणित करना आवश्यक नहीं होगा, अगर वे भूमि के लिए स्वदेशी के रूप में आवेदन कर रहे हों।

एक अन्य आदेश 11 अप्रैल 2025 को असम सरकार के गृह विभाग के सचिव कार्यालय से जारी किया गया, जिसमें सभी सहायक सरकारी वकीलों को निर्देश दिया गया कि असम के सभी विदेशी न्यायाधिकरणों में कोच-राजबंशी समुदाय के लोगों के विरुद्ध लंबित सभी मामलों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई नई मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने आशंका जताई थी कि यह प्रक्रिया असल में पश्चिम बंगाल को लक्ष्य कर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की दिशा में एक कदम है, क्योंकि बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी को यह आभास हो गया है कि अब उनके कथित अवैध घुसपैठियों वाले वोट बैंक, जिनमें रोहिंग्या मूल के लोग भी शामिल हैं, को सूची से हटाया जाएगा। इसी डर से वह चुनाव आयोग पर हमले कर रही हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर