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नैनीताल, 9 जुलाई (हि.स.)। ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल के बीच जिला मुख्यालय में एक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने बुधवार को तल्लीताल डांठ में प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल के नेतृत्व में प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारेबाजी की और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया।
यूनियन ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा बार-बार आशाओं की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में अनवरत सेवाएं देने के बावजूद आशाओं को न तो न्यूनतम वेतन मिल रहा है, न कर्मचारी का दर्जा और न ही कार्य के अनुरूप सम्मान वेतन ही मिल रहा है।
ज्ञापन में बताया गया कि आशाओं से सभी सरकारी स्वास्थ्य अभियानों में काम लिया जाता है, लेकिन छह-छह माह तक उनका भुगतान लंबित रहता है। चिकित्सालयों में उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं होता तथा बार-बार प्रताड़ित किया जाता है। आशाएं जब गंभीर मामलों में सरकारी चिकित्सालयों की सीमित सुविधाओं के चलते प्रसूता को अन्यत्र ले जाती हैं, तो उनके विरुद्ध जांच बैठा दी जाती है। यूनियन ने वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री के खटीमा कार्यालय में 11500 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने के किए गए वादे को अब तक अधूरा बताया।
ज्ञापन में मांग की गई कि आशाओं को नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन और एकमुश्त राशि का प्रावधान हो, प्रशिक्षण अवधि में प्रतिदिन 500 रुपये भुगतान हो, प्रत्येक माह मानदेय समय से मिले तथा चिकित्सालयों में उनके लिए अलग ‘आशा घर’ बनें। यूनियन ने चेताया कि यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं तो वह राज्यव्यापी आंदोलन को बाध्य होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी