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हरिद्वार, 6 जुलाई (हि.स.)। रानीपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित राजा गार्डन में भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक होने के पश्चात डॉ मुखर्जी 1923 में सेनेट के सदस्य बने। अपने पिता की मृत्यु के पश्चात 1924 में उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए और विश्व के सबसे युवा कुलपति होने का गौरव प्राप्त किया।
नेहरू जी ने उन्हें अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल किया। नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के पश्चात 6 अप्रैल 1950 को उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-संघचालक गुरु गोलवलकर जी से परामर्श लेकर उन्होंने 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की। 1952 के आम चुनाव में जनसंघ के तीन सांसद चुने गए जिनमें एक डॉ. मुखर्जी भी थे।
पूर्व मंडल अध्यक्ष नागेंद्र राणा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी भारत की अखंडता और कश्मीर के विलय के दृढ़ समर्थक थे। अनुच्छेद 370 के विरोध में कश्मीर जाकर परमिट सिस्टम का विरोध करते हुए अपना बलिदान दिया।
अध्यक्षता कर रहे मंडल अध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा कि डॉ मुखर्जी एक दक्ष राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी के रूप में अपने मित्रों और शत्रुओं द्वारा सामान रूप से सम्मानित थे। एक महान देशभक्त और शिष्ट सांसद के रूप में भारत उन्हें सम्मान के साथ याद करता है।
इस अवसर पर मंडल महामंत्री देवेश वर्मा, अनुज त्यागी, वरुण चौहान, पवन कुमार, मनोज पारलिया, कमल प्रधान, विकास कुमार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला