Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
हरिद्वार, 6 जुलाई (हि.स.)। रामकृष्ण मिशन अस्पताल में पित्त वाहिनी मुख्य नलियों से संबंधित एक जन्मजात ट्यूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह एक अत्यंत जटिल सर्जिकल प्रक्रिया है, जो बड़े अस्पतालों में ही संपन्न होती है और वहां इनका खर्च 5 से 7 लाख रुपए के आसपास आता है। रामकृष्ण मिशन अस्पताल कनखल की प्रबंधन समिति के उत्साहवर्धक प्रयास से जन सेवा के आदर्शों के अनुरूप बहुत कम खर्चे में प्रक्रिया संपन्न हो पाई।
यह एक जन्मजात रोग है, जिसमें पित्त वाहिनी नलिकाएं कमजोर होकर गुब्बारे की तरह फूल जाती हैं और इसके पित्त के प्रवाह में रुकावट, जॉन्डिस (पीलिआ), बार-बार पेट दर्द और पेनक्रिएटाइटिस तथा कभी-कभी कैंसर तक की संभावना बढ़ जाती है।
ज्यादातर 1 वर्ष के कम उम्र के बच्चों में ही लक्षणों एवं जांचाें के आधार पर इसकी पहचान हो जाती है। कुछ मरीज 20 साल की उम्र तक सर्जन के यहां पहुंचते हैं। इस केस में रोग की पहचान 45 वर्ष में हुई। हालांकि पेट दर्द की शिकायत लेकर यह मरीज 6 वर्ष पहले किसी सर्जन के यहां गए थे। अगर उस समय इस रोग को पहचान कर ऑपरेशन हो गया होता तो स्थिति इतनी जटिल नहीं होती। 7 घंटे चलने वाले ऑपरेशन में सहायक सर्जन डॉ सचिन धाकड़, डॉ प्रज्ञा एवं अन्य सहायकों ने कुशल सहयोग दिया। मरीज की सर्जरी के बाद की देखरेख आईसीयू में डॉ भगवान दास एवं डॉ एस चौधरी की देखरेख में चल रही है।
डॉ विष्णु कांत पाण्डेय चिकित्सा क्षेत्र में 40 वर्ष के अनुभवी ख्याति प्राप्त सर्जन है और कई मेडिकल कॉलेज में इन्होंने प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। सचिव स्वामी दया मूर्ति ने बताया कि अस्पताल को एनएबीएच उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला