पारंपरिक हुनर को मिलेगी रफ्तार, 'पगमिल मशीन' माटीकला को देगी धार
- कुल्हड़-गिलास बनाने वालों के लिए खुशखबरी, माटीकला बोर्ड बांटेगा फ्री पगमिल मशीन मीरजापुर, 06 जुलाई (हि.स.)। मिट्टी के कुल्हड़, गिलास और पारंपरिक बर्तनों से अपनी आजीविका चलाने वाले उद्यमियों के लिए एक बड़ी खबर है। उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड द्वारा व
हिन्दुस्थान समाचार


- कुल्हड़-गिलास बनाने वालों के लिए खुशखबरी, माटीकला बोर्ड बांटेगा फ्री पगमिल मशीन मीरजापुर, 06 जुलाई (हि.स.)। मिट्टी के कुल्हड़, गिलास और पारंपरिक बर्तनों से अपनी आजीविका चलाने वाले उद्यमियों के लिए एक बड़ी खबर है। उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत निःशुल्क 'पगमिल मशीन' वितरित की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य माटीकला उत्पादों को बढ़ावा देना और पारंपरिक कुम्हार समुदाय को तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत उन उद्यमियों को लाभ मिलेगा, जो वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के ऋण प्राप्त कर अपनी इकाइयां स्थापित कर चुके हैं। यह पगमिल मशीन खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो मिट्टी के कुल्हड़, गिलास और अन्य घरेलू उत्पाद बनाते हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाईजिला ग्रामोद्योग अधिकारी अमितेश कुमार सिंह ने बताया कि इच्छुक उद्यमी 31 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड की वेबसाइट https://upmatikalaboard.in व https://upmatikalaboard.in पर जाकर फॉर्म भरना होगा। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसकी एक प्रति समस्त दस्तावेजों के साथ जिला ग्रामोद्योग कार्यालय पथरहिया रोड में जमा करनी होगी। नियत तिथि के बाद किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

क्यों खास है 'पगमिल मशीन'? 'पगमिल मशीन' मिट्टी को बारीक और प्रयोग योग्य बनाने का काम करती है। इससे कारीगरों को बेहतर क्वालिटी की मिट्टी मिलती है, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। यह मशीन कारीगरों की मेहनत को कम करते हुए उनकी उत्पादन क्षमता और बाजार प्रतिस्पर्धा को बढ़ाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा