अब नहीं कटेगी गंगा की धार, मीरजापुर में 13.80 करोड़ की बड़ी योजना शुरू
- डीएम आवास से लेकर इंटर कॉलेज तक बचेंगे गंगा की मार से, दिसंबर 2025 तक पूरा होगा काम मीरजापुर, 06 जुलाई (हि.स.)। अब गंगा की कटान से जिले की जमीन नहीं कटेगी, बल्कि पक्की योजना से गंगा की धार को थामने की तैयारी शुरू हो गई है। 13.80 करोड़ रुपये की लाग
हिन्दुस्थान समाचार


- डीएम आवास से लेकर इंटर कॉलेज तक बचेंगे गंगा की मार से, दिसंबर 2025 तक पूरा होगा काम मीरजापुर, 06 जुलाई (हि.स.)। अब गंगा की कटान से जिले की जमीन नहीं कटेगी, बल्कि पक्की योजना से गंगा की धार को थामने की तैयारी शुरू हो गई है। 13.80 करोड़ रुपये की लागत से तीन बेहद संवेदनशील स्थानों पर गंगा की धार को रोकने का काम तेज़ी से चल रहा है। खास बात यह है कि जिलाधिकारी का सरकारी आवास, एक प्रमुख बालिका इंटर कॉलेज और पंप कैनाल जैसे महत्वपूर्ण इलाके अब इस परियोजना से सुरक्षित हो सकेंगे।गंगा की बेकाबू होती धार ने अब तक कई बस्तियों, खेतों और सार्वजनिक परिसरों को निगल लिया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि डीएम आवास और स्कूल भवन भी खतरे की जद में आ गए थे। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग के जल संसाधन खंड ने तत्काल प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा। अब शासन ने 2.51 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी कर दी है और काम युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है।मीरजापुर नहर प्रखंड के अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि गंगा कटान रोकने के लिए तकनीकी दृष्टि से मजबूत योजना पर काम शुरू हो चुका है। इस बार सिर्फ पत्थर डालने से नहीं, वैज्ञानिक तरीके से धार को नियंत्रित किया जाएगा। यह योजना सिर्फ सरकारी ढांचे को नहीं, बल्कि शिक्षा संस्थान, जन आवास और खेती की जमीन को भी बचाएगी। गंगा की किनारों से लगे सैकड़ों परिवारों को इससे राहत मिलेगी।

ऐसे रुकेगी गंगा की धार गंगा की धारा को थामने के लिए स्टेप पिचिंग और लांचिंग पिचिंग तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। पानी के अंदर स्टेप पिचिंग से तट को मज़बूत किया जाएगा। पानी के ऊपर लांचिंग पिचिंग में लोहे की जालियों में भारी बोल्डर भरकर किनारों पर जमाए जाएंगे। इस तरह की दीवार गंगा की धारा को टकराकर लौटाएगी और मिट्टी का कटाव रुक जाएगा।

इन जगहों पर हो रहा काम बिसुंदरपुर स्थित जिलाधिकारी आवास के पीछे। रामबाग का महर्षि दयानंद बालिका इंटर कॉलेज परिसर और अर्जनपुर का पंप कैनाल नीवी गहरवार क्षेत्र में काम चल रहा है। इन तीनों स्थानों पर कटान बहुत तेज़ हो चुका था और हर साल मानसून में चिंता दोगुनी हो जाती थी। अब योजना के तहत दिसंबर 2025 तक सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा