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तेहरान, 6 जुलाई (हि.स.)। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई इसराइल के साथ हुए ईरान के 12 दिनों के संघर्ष के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए। 5 जुलाई को मुहर्रम के मातम जुलूस में उन्हें देखा गया। तेहरान में आशूरा की पूर्व संध्या पर मुहर्रम के मातम जुलूस में खामनेई पहुंचे। खामेनेई 13 जून को इजराइली हमलों के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे थे।
तेहरान टाइम्स के मुताबिक ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई 5 जुलाई को मुहर्रम के मातम जुलूस में शामिल हुए। मुहर्रम की 10वीं तारीख को आशूरा कहा जाता है।तेहरान में आशूरा की पूर्व संध्या पर मुहर्रम के मातम जुलूस में खामेनेई सार्वजनिक रूप से दिखे। ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक सैन्य संघर्ष चला जो 24 जून को खत्म हुआ। इस संघर्ष के दौरान खामनेई सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे थे। कड़ी सुरक्षा के बीच वे अज्ञात स्थान पर थे।
इस संघर्ष के दौरान खामेनेई की सुरक्षा को लेकर खासी चिंता थी क्योंकि इसराइल के हमले में कई शीर्ष ईरानी कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी। इसराइल के साथ इस संघर्ष के दौरान खामेनेई के कुछ वीडियो संदेश आए। उनके किसी बंकर में छिपे होने का अनुमान लगाया जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि इजराइल ने 13 जून से ईरान पर लगातार हमले किए।खास तौर पर 22 जून को इजराइल के समर्थन में अमेरिका के उतरने के बाद स्थितियां काफी बिगड़ गई। अमेरिका ने ईरान में 3 परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया। इस हमले में ईरान के परमाणु ठिकाने, रक्षा प्रणालियों, सेना के बड़े अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में ईरान ने इजराइल पर 550 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव पाश