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ढाका, 05 जुलाई (हि.स.)। बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मो. असदुज्जमान ने देशभर में पिछले साल हुए भीड़ हिंसा को न्यायपालिका के प्रति अविश्वास नहीं, बल्कि पूर्ववर्ती शेख हसीना सरकार और उसकी अवामी लीग के खिलाफ जन आक्रोश का विस्फोट करार दिया है। यह बात उन्होंने अवामी लीग सरकार के पतन की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कही।
अटॉर्नी जनरल असदुज्ज़मान ने कहा कि यह हिंसा न्यायपालिका के प्रति अविश्वास की अभिव्यक्ति नहीं थी, बल्कि पिछले 17 वर्षों से जमी हुई जनता की नाराजगी का विस्फोट थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की हिंसा न्यायोचित नहीं है और समाज को ऐसे रास्तों से बचना चाहिए।
मो. असदुज्ज़मान ने कहा कि आईसीटी-बीडी द्वारा मानवता के खिलाफ दोषी पाए गए लोग चुनाव लड़ने के अयोग्य होंगे। उन्होंने संकेत दिया कि यदि अवामी लीग को एक संस्था के रूप में दोषी पाया गया, तो पूरी पार्टी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद, सभी पार्टियां अब अवामी लीग के खिलाफ एकजुट नजर आ रही हैं।
दरअसल, बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अवमानना मामले में 6 महीने की सजा सुनाई है। साथ ही, मानवता के खिलाफ अपराधों के गंभीर आरोपों पर उनका मुकदमा गैर-हाजिर रूप में चल रहा है। उनकी पार्टी अवामी लीग के कई नेता भी इन मामलों में व्यक्तिगत रूप से कटघरे में हैं।
उल्लेखनीय है कि मानवाधिकार संगठन 'आइन ओ सालिश केंद्र' (एएसके) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2024 से जून 2025 के बीच कम से कम 179 लोगों की मौत भीड़ हिंसा की घटनाओं में हुई। यह हिंसा तब शुरू हुई जब छात्र आंदोलन ने पूरे देश में राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया और अंततः शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटना पड़ा था।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय