एक और दल ने छोड़ा प्रधानमंत्री ओली का साथ, समर्थन वापसी की घोषणा
काठमांडू, 04 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को समर्थन दे रहे एक और दल नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने समर्थन वापसी का फैसला लेकर उनका साथ छोड़ दिया है। अभी कुछ दिन पहले ही जनता समाजवादी पार्टी ने सरकार से समर्थन वापसी का फैसला लिया थ
जसपा के अध्यक्ष उपेंद्र यादव और नागरिक उन्मुक्ति की अध्यक्ष रंजिता श्रेष्ठ


काठमांडू, 04 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को समर्थन दे रहे एक और दल नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने समर्थन वापसी का फैसला लेकर उनका साथ छोड़ दिया है। अभी कुछ दिन पहले ही जनता समाजवादी पार्टी ने सरकार से समर्थन वापसी का फैसला लिया था।

नागरिक उन्मुक्ति पार्टी की केंद्रीय समिति की शुक्रवार को हुई बैठक हुई, जिसके बाद पार्टी की अध्यक्ष रंजिता श्रेष्ठ ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र की ओली सरकार और सुदूर पश्चिम की प्रदेश सरकार को दिए जा रहे समर्थन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को नेकपा एमाले के नेतृत्व वाली सुदूर पश्चिम सरकार में नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के एक मंत्री को मुख्यमंत्री कमल शाह ने बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। रंजिता श्रेष्ठ ने बताया कि उनकी पार्टी के मंत्री को बिना केंद्र की अनुमति के बर्खास्त नहीं किया गया होगा, इसलिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ ओली सरकार को भी दिए जा रहे समर्थन को वापस लिया गया है।

नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के चार सांसद हैं। इनमें से एक सांसद अरुण चौधरी ओली सरकार में पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं। पार्टी की तरफ से उन्हें भी इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया है। यह दूसरी पार्टी है जिसने ओली सरकार से समर्थन वापस लिया है। इससे पहले सरकार को बाहर से समर्थन दे रही जनता समाजवादी पार्टी ने भी अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी। इस पार्टी के पास पांच सांसद प्रतिनिधि सभा में और तीन सांसद राष्ट्रीय सभा में है। जनता समाजवादी पार्टी की तरफ से समर्थन वापस लिए जाने के साथ ही ओली सरकार राष्ट्रीय सभा में अल्पमत में आ गई है, जबकि प्रतिनिधि सभा में उन्हें दो तिहाई के करीब बहुमत है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास