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नई दिल्ली, 04 जुलाई (हि.स)। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को हैदराबाद में सतत एवं जिम्मेदार खनन पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एल्युमीनियम विजन दस्तावेज जारी किया। इस दस्तावेज़ में 2047 तक एल्युमीनियम उत्पादन को छह गुना बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा दी गई है।
मंत्री रेड्डी ने कहा कि एल्युमीनियम विज़न दस्तावेज़ एक आत्मनिर्भर और संसाधन-सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और आधुनिक बुनियादी ढांचे को सक्षम करने में एल्युमीनियम क्षेत्र की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डाला।
खान मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस दस्तावेज में एल्युमीनियम उत्पादन को छह गुना बढ़ाने, बॉक्साइट क्षमता को 150 मिलियन टन प्रतिवर्ष (एमटीपीए) तक बढ़ाने, रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एक साहसिक रोडमैप की रूपरेखा दी गई है, जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
मंत्रालय ने बताया कि यह दस्तावेज़ राष्ट्रीय एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड, जवाहरलाल नेहरू एल्युमीनियम अनुसंधान विकास और डिजाइन केंद्र (जेएनएआरडीडीसी) और एल्युमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई), एल्युमीनियम सेकेंडरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एएसएमए) और मेटल रिसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमआरएआई) जैसे प्रमुख संघों सहित उद्योग के हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के माध्यम से तैयार किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर