पूर्व मंत्री ने बेरोजगार इंजीनियरों के लिए तत्काल एक समर्पित नौकरी योजना बनाने की जोरदार वकालत की
बांदीपुरा, 4 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मंत्री और बांदीपुरा के पूर्व विधायक उस्मान मजीद ने जम्मू-कश्मीर के बेरोजगार इंजीनियरों के लिए तत्काल एक समर्पित नौकरी योजना बनाने की जोरदार वकालत की है जो मौजूदा रहबर-ए-खेल और रहबर-ए-जिरात योजनाओं के समान है। योग्य
पूर्व मंत्री ने बेरोजगार इंजीनियरों के लिए तत्काल एक समर्पित नौकरी योजना बनाने की जोरदार वकालत की


बांदीपुरा, 4 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मंत्री और बांदीपुरा के पूर्व विधायक उस्मान मजीद ने जम्मू-कश्मीर के बेरोजगार इंजीनियरों के लिए तत्काल एक समर्पित नौकरी योजना बनाने की जोरदार वकालत की है जो मौजूदा रहबर-ए-खेल और रहबर-ए-जिरात योजनाओं के समान है।

योग्य लेकिन बेरोजगार इंजीनियरिंग स्नातकों के बीच बढ़ते संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए मजीद ने कहा कि जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा जारी सीमित भर्ती अधिसूचनाएँ हर साल पास होने वाले हजारों इंजीनियरों को समायोजित करने के लिए पूरी तरह से अपर्याप्त हैं।

माजिद ने इस बात पर जोर दिया कि इंजीनियरिंग क्षेत्र बुनियादी ढांचे और विकासात्मक विकास की रीढ़ है, फिर भी इंजीनियरों को प्रणालीगत उपेक्षा और रोजगार के अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि तकनीकी डिग्री रखने और समाज में सार्थक योगदान देने में सक्षम होने के बावजूद इंजीनियरों को निराशा में धकेला जा रहा है। सरकार को उनकी दुर्दशा को पहचानने और एक संरचित और समयबद्ध रोजगार तंत्र प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है।

उन्होंने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू और कश्मीर सरकार से आग्रह किया कि वह नौकरी की सुरक्षा, उचित वेतन और दीर्घकालिक कैरियर की प्रगति सुनिश्चित करने वाली योजना की घोषणा करके तुरंत ठोस कदम उठाए।

माजिद ने कहा कि राज्य इस प्रतिभा पूल को बर्बाद करने का जोखिम नहीं उठा सकता। इंजीनियरों के लिए एक योजना बनाना केवल रोजगार के बारे में नहीं है, यह जम्मू और कश्मीर की बौद्धिक पूंजी को अपने स्वयं के विकास के लिए उपयोग करने के बारे में है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता