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श्रीनगर, 04 जुलाई (हि.स.)। लाल चौक में शुक्रवार को निकाले गए पारंपरिक 8वें मुहर्रम जुलूस में पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और उन्होंने चिलचिलाती धूप में शोक मनाने वालों को पानी पिलाया। धार्मिक आयोजन से पहले ही पीने के पानी और चिकित्सा सहायता से लेकर सुरक्षा और यातायात तक सभी व्यवस्थाएं कर ली गई थीं, ताकि जुलूस सुचारू और सुरक्षित हो सके।
डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) कश्मीर वीके बिरधी, डिप्टी कमिश्नर श्रीनगर डॉ. अक्षय लाबरू और एसएसपी श्रीनगर डॉ. संदीप चक्रवर्ती जुलुस में शामिल हुए। इस अवसर पर डिवीजनल कमिश्नर ने बिधूड़ी ने कहा कि हम सभी शोक मनाने वालों से अनुरोध करते हैं कि वह जुलूस के वास्तविक उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करें और किसी भी तरह से इसके स्वरूप को बदलने से बचें। उन्होंने लोगों से धार्मिक भावना और मर्यादा बनाए रखने का आग्रह किया।
आईजीपी कश्मीर वीके बिरधी ने कहा कि 8वीं मुहर्रम का जुलूस सुचारू रूप से संपन्न हो, इसके लिए सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं। 10वीं मुहर्रम के जुलूस के बारे में पूछे जाने पर आईजीपी बिरधी ने कहा कि प्रशासन उन सभी स्थानों पर आयोजकों से संपर्क कर रहा है, जहां 10वीं मुहर्रम के जुलूस निकाले जाते हैं, ताकि ये धार्मिक कार्यक्रम सुगमता से संपन्न हो सकें।
आज सुबह श्रीनगर के सिटी सेंटर में 8वीं मुहर्रम के जुलूस में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। श्रद्धालुओं की मदद के लिए यातायात में बदलाव और स्वयंसेवी सहायता की व्यवस्था की गई थी। जादीबल के एक शोक संतप्त ताहिर अली ने कहा कि हम लगातार तीसरे साल 8वीं मुहर्रम पर अच्छे इंतजाम देख रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि आखिरकार हमारी आवाज सुनी जा रही है। हम यहां आस्था के साथ आते हैं और अधिकारियों को पानी परोसते देखना हमारी परंपरा के प्रति सम्मान दर्शाता है।
मुहर्रम का 8वां दिन कश्मीर में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह 10वीं मुहर्रम के आशूरा से पहले सबसे बड़े और सबसे प्रतीकात्मक शोक जुलूसों में से एक है। दशकों से सुरक्षा चिंताओं के कारण श्रीनगर में 8वें मुहर्रम के पारंपरिक जुलूस पर प्रतिबंध लगा हुआ था। 2022 में ही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन ने इस धार्मिक आयोजन को फिर से शुरू करने की अनुमति दी। तब से 8वें मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाता है, जिसमें हज़ारों शोक मनाने वाले शहर के बीचों-बीच निर्धारित मार्ग से भाग लेते हैं।-------------
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह