आपदा प्रबंधन में डेटा, विभागीय समन्वय और जन सहभागिता महत्वपूर्ण : राज्यपाल
-आपदा प्रबंधन तैयारियों को दीर्घकालिक रणनीति के रूप में विकसित किया जाए : गुरमीत सिंह देहरादून, 4 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने शुक्रवार को आईटी पार्क, देहरादून स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्र
राज्य आपदा परिचालन केंद्र में अधिकारियों से बातचीत करते राज्यपाल।


-आपदा प्रबंधन तैयारियों को दीर्घकालिक रणनीति के रूप में विकसित किया जाए : गुरमीत सिंह

देहरादून, 4 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने शुक्रवार को आईटी पार्क, देहरादून स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण किया और अधिकारियों से मानसून के दृष्टिगत तैयारियों की जानकारी प्राप्त की।

इस दौरान उन्होंने वर्षा की वर्तमान स्थिति, नदियों के जलस्तर, मार्गों की स्थिति और आगामी दिनों के मौसम पूर्वानुमान के साथ ही केंद्र की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। राज्यपाल ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर मानसून की तैयारियों की समीक्षा की।

राज्यपाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन में तीन मुख्य पहलुओं, डेटा आधारित निर्णय प्रणाली, विभागों के बीच समन्वय और सामुदायिक सहभागिता को केंद्र में रखकर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन तैयारियों को केवल तात्कालिक आवश्यकता तक सीमित न रखते हुए इसे दीर्घकालिक रणनीति के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के स्वरूप में परिवर्तन और आपदाओं की तीव्रता बढ़ रही है, ऐसे में राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित आपदा प्रबंधन की दिशा में ठोस प्रयास करने होंगे।

राज्यपाल ने उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन विभाग की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभाग द्वारा आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण के क्षेत्र में पेशेवर ढंग से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर चुनौती एक अवसर भी होती है, जिससे हम अपनी तैयारियों और रणनीतियों को और अधिक सुदृढ़ बना सकते हैं। उन्होंने विगत राज्य की आपदा रिस्पांस टाइम में लगातार सुधार के लिए भी आपदा प्रबंधन विभाग की सराहना की। राज्यपाल ने विगत वर्षों के आपदा अनुभवों से सीख लेते हुए तैयारियों को उसी अनुरूप सुधार करने और इनका दस्तावेजीकरण करने के भी निर्देश दिए।

राज्यपाल ने कहा कि आपदा के समय अफवाहें और असत्यापित सूचनाएं आमजन में भय और भ्रम उत्पन्न करती हैं। इसके समाधान के लिए एक केंद्रीकृत सूचना प्रणाली विकसित की जाए, जिससे लोगों तक त्वरित, प्रमाणिक और स्पष्ट जानकारी पहुंचाई जा सके। इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने प्रदेश स्तर पर मानसून की तैयारियों को लेकर एक प्रस्तुतीकरण दिया।

सभी जिलाधिकारियों ने वर्चुअल रूप से जुड़कर अपने-अपने जनपदों में मानसून की तैयारियों के संबंध में राज्यपाल को जानकारी दी। इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. शांतनु सरकार, एस के बिरला, डॉ. बिमलेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल