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पटना, 31 जुलाई (हि.स.)।
बिहार सरकार के जीविका, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गुरुवार पटना स्थित सचिवालय भवन में डिब्रीफिंग सत्र का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने श्रीलंका सरकार के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि अत्यधिक गरीब परिवारों को विकास के रास्ते से जोड़ने के लिए 2018 में इसकी शुरूआत की गई थी। बिहार सरकार की सतत जीविकोपार्जन योजना से बिहार में अब तक 2.1 लाख परिवारों को लाभ हुआ है ।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना के तहत गरीबी उन्मूलन में हुए मुख्य कार्यों की सफलता ने इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई है। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक सहायता के लिए सरकार ने ‘जीविका निधि’ नाम से एक सहकारी संघ का निर्माण भी किया है। बिहार में अभी वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का भी उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया है जो संभवतः दोनो देशों को के लिए गरिमा का कार्य है ।
मौके पर विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने अपने संबोधन में सभी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीलंका सांस्कृतिक रूप से बिहार राज्य के समरूप है। उन्होंने कहा कि जीविका ने सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर खड़े परिवारों को सशक्त बनाने का जो कार्य किया है वह उल्लेखनीय है। जीविका का यह मॉडल महिलाओं की सामूहिक शक्ति, पारदर्शिता और सहभागिता पर आधारित है। श्रीलंका सरकार के साथ यह साझा अनुभव हमें वैश्विक स्तर पर स्थानीय नवाचारों को प्रस्तुत करने का अवसर देता है।
उन्होंने बताया की श्रीलंका के सामुदायिक पेशेवर भी बिहार आकर यहां के कार्य शैली को देख सकती हैं I
सत्र का शुभारंभ जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं सतत जीविकोपार्जन योजना के उद्देश्यों तथा इसके तहत बिहार राज्य में गरीबी उन्मूलन के लिए किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी।
श्रीलंका और एशियन डेवलपमेंट बैंक के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बिहार सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए संचालित सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (आएलई) कार्यक्रम के तहत गया जिला का दौरा किया गया । इस दौरान उन्होंने इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों द्वारा अपनाये गए जीविकोपार्जन के उपक्रमों को देखा और अनुभव प्राप्त किया।
उल्लेखनीय है कि इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (आएलई) कार्यक्रम जीविका, ब्रॉक इंटरनेशनल और बंधन कोन्नगर के द्वारा संयुक्त रूप से समन्वित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से विभिन्न देशों और भारत के अन्य राज्य से प्रतिनिधि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत हो रहे कार्यों को देखने और गरीबी उन्मूलन के बारे में सीखने हेतु इमर्शन एंड लर्निंग केन्द्रों का दौरा करते हैं। इसके तहत बिहार सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक “सतत जीविकोपार्जन योजना (एसजेवाई) की प्रक्रिया, पहुंच और प्रभाव के विस्तार पर जोर दिया जाता है। अबतक. कार्यक्रम के तहत इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और इथियोपिया के प्रतिनिधियों ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के बारे में जानने और अपने-अपने देशों में इसी तरह के कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए बिहार का दौरा किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी