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कोलकाता, 31 जुलाई (हि. स.)। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के साथ पिछले साल नाइट शिफ्ट के दौरान हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार जल्द ही सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र सहित अन्य उद्योगों में रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी।
राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में मसौदा तैयार कर लिया है और इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, परिवहन, पुलिस जैसे विभागों से सलाह ली गई है जहां महिलाएं रात की शिफ्ट में काम करती हैं।
सूत्रों के अनुसार, इन दिशा-निर्देशों में कुल 22 बिंदुओं को शामिल किया गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि नाइट शिफ्ट में महिलाओं को काम करना अनिवार्य नहीं होगा। यदि कोई महिला स्वेच्छा से नाइट शिफ्ट में काम करना चाहती है, तो उसके लिए संगठन को उससे लिखित सहमति लेनी होगी।
इस मसौदे में प्रमुख रूप से यह कहा गया है कि जो कंपनियां रात की शिफ्ट में महिलाओं को नियुक्त करेंगी, उन्हें कार्यालय आने-जाने के दौरान उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इसके तहत जिस वाहन से महिला कर्मचारी सफर करेंगी उसमें जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, प्रशिक्षित महिला सुरक्षा गार्ड और आपातकालीन अलर्ट बटन जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
रात की शिफ्ट का समय रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक तय किया गया है। साथ ही, शिफ्ट में कम से कम 10 महिलाएं या कुल कर्मचारियों का एक-तिहाई हिस्सा महिला होना चाहिए, ताकि वे अकेली न रहें।
कार्यालय परिसर में महिलाओं के विश्राम के लिए जगह, खाने के लिए कैंटीन की व्यवस्था, प्रवेश और निकास बिंदुओं पर सीसीटीवी कैमरे, और आपातकालीन एम्बुलेंस की व्यवस्था भी अनिवार्य होगी। इसके अलावा, प्रत्येक संगठन को एक आंतरिक शिकायत निवारण समिति बनानी होगी जो यौन उत्पीड़न के मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी।
कार्यस्थल पर सुरक्षा से संबंधित आपातकालीन नंबर को ऐसे स्थान पर लगाया जाएगा, जहां वह स्पष्ट रूप से नजर आए। इसके अलावा, प्रत्येक कंपनी में एक सुरक्षा समीक्षा समिति होगी जो हर तीन महीने में बैठक कर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करेगी। यदि किसी संस्था में मानकों का पालन नहीं होता है, तो उसके खिलाफ श्रम कानूनों के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर की हत्या के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन दिशा-निर्देशों को लागू करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही, अदालत ने भी राज्य सरकार को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर