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- नर्मदा समेत कई नदियां उफान पर, कई जगह रास्ते भी बंद
भोपाल, 31 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात है। हालांकि अति भारी बारिश का दौर तो थम गया, लेकिन हालात अब भी बिगड़े हुए हैं। बुधवार को गुना, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना समेत कई जिलों में सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू किया। नर्मदा समेत अन्य नदियां उफान पर रही। इससे रास्ते भी बंद हो गए। आज गुरुवार को 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। शिवपुरी में स्कूलों की छुट्टी रहेगी।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के बीचोंबीच में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की एक्टिविटी देखने को मिली। इस वजह से बारिश हुई। हालांकि, इसके बाद सिस्टम कमजोर होगा और भारी बारिश का दौर थमेगा। बुधवार को भारी बारिश का दौर थमा रहा। इससे पहले जबलपुर में ही सबसे ज्यादा 1 इंच पानी गिरा। वहीं, भोपाल, बैतूल, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रायसेन, श्योपुर, उज्जैन, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, सागर, सिवनी, उमरिया, बालाघाट, शिवपुरी समेत 25 से अधिक जिलों में हल्की बारिश का दौर रहा।
गुरुवार को श्योपुर और गुना अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। विदिशा, राजगढ़, अशोकनगर, शिवपुरी, मुरैना, दमोह और सागर में अतिभारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में येलो अलर्ट है। पिछले तीन दिन से जारी भारी बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आ गई। श्योपुर में सीप नदी उफान पर रही। यहां मानपुर में सरकारी अस्पताल में पानी भर जाने के कारण 12 मरीज फंस गए। एसडीईआरएफ की टीम ने सभी को निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। वहीं, गुना में 24 घंटे में 12.92 इंच बारिश हो गई। यहां कलोरा बांध की वेस्ट बीयर 15 फीट तक टूट गई थी। इससे आसपास के गांवों के जल मग्न होने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ और सेना को बुलाया गया।
नर्मदापुरम में सोहागपुर के ग्राम सांकला में नर्मदा किनारे बसे गांव के 7 मकानों में पानी भर गया। परिवारों ने सामान ट्रॉलियों में रखवा दिया। भोपाल, नर्मदापुरम और अशोकनगर में लगातार बारिश के चलते स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई। शिवपुरी में कोलारस के पचावली गांव में बस में सवार होकर स्कूल से घर लौट रहे 30 बच्चे बाढ़ में फंस गए। जिसके बाद सभी को पचावली सरपंच के घर रुकवाया गया। कोलारस के संगेश्वर गांव में लोग छत पर टेंट लगाकर रह रहे हैं। मुरैना में चंबल नदी उफान पर है। मुरैना, सबलगढ़, अंबाह तहसील सहित जिलेभर में 500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
नरसिंहपुर जिले के गांव गंगई में बरांझ नदी के बैक वाटर के कारण 7 ग्रामीण फंस गए। सूचना मिलते ही एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां सामान्य से 37 प्रतिशत तक ज्यादा पानी गिर चुका है। प्रदेश में अब तक औसत 27.7 इंच बारिश हो चुकी है।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत