शांतमनु ने श्रीनगर में ’एससीईआरटी ऑन व्हील्स’ को दिखाई हरी झंडी
शांतमनु ने श्रीनगर में ’एससीईआरटी ऑन व्हील्स’ को दिखाई हरी झंडी


श्रीनगर 31 जुलाई (हि.स.)। उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त शांतमनु ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, बेमिना के संभागीय कार्यालय से अभिनव आउटरीच पहल ’एससीईआरटी ऑन व्हील्स’ को हरी झंडी दिखाई।

एससीईआरटी के निदेशक शांतमनु ने राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024-25 नामक एक दिवसीय मॉडल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने एससीईआरटी सभागार में आयोजित “सतत भविष्य और स्वास्थ्य के लिए बाजरा“ विषय पर एक संगोष्ठी की भी अध्यक्षता की।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 52वें आरबीवीपी के तत्वावधान में एससीईआरटी जम्मू-कश्मीर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम छात्रों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

कार्यक्रम का मुख्य विषय “सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी“ था जिसके उप-विषय थे भोजन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, परिवहन और संचार, गणितीय मॉडलिंग और कम्प्यूटेशनल सोच, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन प्रबंधन आदि।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पाँच वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए एससीईआरटी के कश्मीर संभाग ने जागरूकता बढ़ाने, सामुदायिक जुड़ाव बढ़ाने और एससीईआरटी की क्षेत्रीय पहचान को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक जमीनी स्तर के जनपहंुच कार्यक्रम के रूप में ’एससीईआरटी ऑन व्हील्स’ की शुरुआत की। यह पहल एससीईआरटी की सेवाओं, मिशन और संदेशों को सीधे स्कूलों और समुदायों तक पहुँचाती है, नीतियों को स्पष्ट करती है और प्रथाओं को प्रदर्शित करती है।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शांतमनु ने इस तरह की प्रभावशाली और समुदाय-संचालित पहलों को तैयार करने के लिए आयोजकों की हार्दिक सराहना की। उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत भी की और विभिन्न जिलों के छात्र प्रतिभागियों द्वारा विकसित कई वैज्ञानिक मॉडलों का निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि मैं छात्रों द्वारा प्रदर्शित उल्लेखनीय रचनात्मकता और नवाचार से बेहद प्रभावित हूँ। आज प्रदर्शित मॉडल महत्वपूर्ण मुद्दों की गहरी समझ और युवा दिमागों के नेतृत्व में एक आशाजनक भविष्य को दर्शाते हैं।

शांतमनु ने प्रतिभा से भरपूर एक मंच के रूप में आरएसबीवीपी की सराहना की और समर्पण और अंतर्दृष्टि के साथ छात्रों का मार्गदर्शन और मार्गदर्शन करने के लिए शिक्षकों की प्रशंसा की। उन्होंने आगे कहा इसमें कोई संदेह नहीं है कि आरएसबीवीपी नवाचार को बढ़ावा देने का एक मंच है और यहाँ के शिक्षक युवा विचारकों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बौद्धिक और नैतिक विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि दो चीजें एक व्यक्ति को परिभाषित करती हैं, उसके विचार और उसका आचरण। विचार हमारी धारणा और दृष्टि को आकार देते हैं। जबकि आचरण यह निर्धारित करता है कि हम उन विचारों को कैसे कार्य में परिणत करते हैं। चरित्र और उद्देश्य निर्माण में दोनों ही आवश्यक हैं।

उन्होंने नवाचार की अवधारणा पर आगे विचार किया और इसे सोचने का एक नया तरीका और सुधरे हुए आचरण कहा जो सकारात्मक बदलाव लाता है और दुनिया को एक नई दिशा प्रदान करता है। उन्होंने शिक्षकों से स्कूलों में नवीन सोच और सहयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देते रहने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसी रचनात्मकता को स्वीकार किया जाना चाहिए और पुरस्कृत किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने “नवाचार प्रतिभा“ नामक एक संग्रह का विमोचन भी किया जिसमें छात्रों द्वारा तैयार किए गए डिज़ाइन और परियोजनाओं पर प्रकाश डाला गया।

बोस सचिव शेख गुलाम हसन, जेकेएससीईआरटी के संयुक्त निदेशक सैयद शब्बीर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई प्रोफेसरों और मार्गदर्शकों को सम्मानित किया गया।

आयोजकों ने घोषणा की कि इस स्तर पर उत्तीर्ण होने वाले छात्र राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी और संगोष्ठी में जम्मू और कश्मीर का प्रतिनिधित्व करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह