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नागपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति की पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढ़े का ध्येयनिष्ठा के लिए समर्पण हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
प्रमिला ताई के निधन की सूचना मिलते ही सरसंघचालक भागवत ने राष्ट्र सेविका समिति के कार्यालय जाकर प्रमिला ताई के पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। सरसंघचालक ने कहा कि प्रमिला ताई की कार्यकर्ताओं पर ममता की छाया थी। अपने जीवन काल में उन्होंने समिति के कार्यविस्तार के लिए बहुत परिश्रम किया था। पूर्वोत्तर भारत से लेकर पूरे देश में उन्होंने लगातार यात्राएं कीं। उनके परिश्रम का आदर्श हमारे सामने है। हम जब भी उनसे मिलते तो वह बड़ी आत्मीयता से हमारी पूछताछ करती थीं। नतीजतन उनकी कमी हमेशा खलेगी। सरसंघचालक ने कहा कि प्रमिला ताई का जीवन ध्येयनिष्ठा के प्रति समर्पण का आदर्श था। यह आदर्श हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
वर्ष 1965 से देवी अहिल्या मंदिर ही उनका केंद्र था। उनकी इच्छानुसार उनकी पार्थिव देह को नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को शुक्रवार सुबह 8 बजे सौंप दिया जाएगा।
राष्ट्र सेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढ़े का गुरुवार को निधन हो गया। वे 97 वर्ष की थीं। उन्होंने यहां के देवी अहिल्या मंदिर में सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली।
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हिन्दुस्थान समाचार / मनीष कुलकर्णी