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जबलपुर, 31 जुलाई (हि.स.) मप्र हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर ने सीमांकन के मामले में जारी आदेश की अवहेलना को लेकर तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। जबलपुर निवासी अमित सेन ने रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर अपने प्लॉट का सीमांकन करवाने के लिए आवेदन किया था। नियम के मुताबिक एक माह में सीमांकन हो जाना था। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक वर्ष बाद भी उनका सीमांकन नहीं हुआ।
जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल धगत की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को एक माह के भीतर सीमांकन की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए थे। 10 फरवरी 2025 को जारी किए गए इस आदेश के बाद भी अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के प्लॉट का वास्तविक सीमांकन न कर केवल कागजी औपचारिकताएं पूरी कीं। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई में इस लापरवाही को साफ तौर पर अदालत के आदेश की अवमानना माना। इसी के चलते कोर्ट ने राज्य शासन के राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल, जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना और पनागर तहसीलदार विकास चंद जैन को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरु की जाए।
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, विनीत टेहेनगुनिया, पंकज तिवारी और शुभम पाटकर ने पैरवी की। इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक